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बीते दिनों बीती दीपावली में छूटने वाले पटाखों से होने वाले प्रदूषण ने पूरी दिल्ली को अपने चपेट में ले लिया है. पूरी दिल्ली और आसपास के इलाके में स्मॉग का कहर है. स्मोक और फॉग ने मिलकर कुछ ऐसा कहर ढाया है कि छोटे बच्चों के स्कूल बंद करने के आदेश दिए जा रहे हैं.
दिल्ली और एनसीआर के श्री राम स्कूल ने तो पहले ही सोमवार तक स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए थे. दिल्ली का हेरिटेज स्कूल ने जहां अपने स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है वहीं टैगोर इंटरनेशनल स्कूल ने अपना स्पोर्ट्स डे नवंबर माह से आगे बढ़ा कर फरवरी कर दिया है. एमिटी स्कूल ने अपने सारे स्टूडेंट्स को मास्क पहन कर आने के लिए कहा है.
क्या है दिल्ली सरकार का पक्ष?
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन कहते हैं कि प्रदूषण रात में सबसे अधिक होता है. स्कूलों को बंद कर देना समाधान नहीं है. इस बीच चीन की राजधानी बीजिंग ने भी बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर अपने स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है. बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए वे कई कारखाने भी बंद करेंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी फटकारा...
ऐसा पाया गया है कि भारत की हवा इस बीच तेजी से प्रदूषित हुई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने तो दिल्ली की तुलना किसी 'गैस चेम्बर' से की है. साथ ही साथ हाई कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार से इस समस्या से लड़ने के लिए रणनीति बनाने को कहा है. 1 नवंबर की सुबह दिल्ली का प्रदूषण स्तर सुरक्षित स्तर से दस गुना अधिक दर्ज किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल (NGT) ने दिल्ली सरकार को इस मामले पर शुक्रवार तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.