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आजतक की खबर का असर, सैलरी कटौती का आदेश इस एमसीडी में नहीं होगा लागू

कमलजीत के आदेश से साउथ एमसीडी में काम करने वाले करीब 3 हज़ार कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल गयी है. कमलजीत ने तर्क दिया है क्योंकि सैलरी बढ़ोतरी का प्रस्ताव सदन से पारित हुआ था इसलिये सैलरी घटाने का आदेश लागू नहीं हो सकता.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रवीश पाल सिंह/राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 5:27 AM IST

आजतक की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. दरअसल 6 अप्रैल को दिल्ली आजतक पर नार्थ एमसीडी के उस आदेश से जुड़ी खबर को दिखाया गया था, जिसमें एमसीडी स्टाफ की 2014 से बढ़ी हुई सैलरी के आदेश को रद्द करने और राशि रिकवरी करने का आदेश था, लेकिन खबर दिखाए जाने के बाद अपने कार्यकाल के अंतिम दिन साउथ दिल्ली की मेयर कमलजीत सहरावत ने इस तरह के आदेश को साउथ एमसीडी में लागू ना करने के निर्देश जारी कर दिये हैं.

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हालांकि नार्थ एमसीडी जहां ये आदेश लागू हुआ था वहां अब तक इसे वापस नहीं लिया गया, लेकिन साउथ एमसीडी में आदेश आये इससे पहले ही कमलजीत सहरावत ने उस पर रोक लगवाने के निर्देश कमिश्नर पुनीत गोयल को दे दिए हैं. कमलजीत के आदेश से साउथ एमसीडी में काम करने वाले करीब 3 हज़ार कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल गयी है. कमलजीत ने तर्क दिया है क्योंकि सैलरी बढ़ोतरी का प्रस्ताव सदन से पारित हुआ था इसलिये सैलरी घटाने का आदेश लागू नहीं हो सकता.

आपको बता दें कि हमने 6 अप्रैल को ही नार्थ एमसीडी के उस आदेश की एक्सक्लूसिव कॉपी अपने दर्शकों को दिखाई थी, जिसमें हेड क्लर्क (ए.एस.ओ) और जूनियर स्टेनोग्राफर (पी.ए.) का ग्रेड-पे 4600 से 4200 कर दिया था, वहीं सुप्रीटेंडेंट (एस.ओ.) और सीनियर स्टेनोग्राफर  (पी.एस.) का ग्रेड-पे 4800 से 4600 करने की बात कही गई थी. कमलजीत सहरावत ने बताया कि नार्थ एमसीडी ने उस आदेश की एक कॉपी ईस्ट और साउथ एमसीडी को भी भेजी थी, जिससे इन दोनों निगमों में भी सैलरी कटौती की आशंका थी, लेकिन कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके पक्ष में फैसला लिया गया.

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आपको बता दें कि बुधवार को कमलजीत सहरावत का बतौर मेयर आखिरी दिन था और जाते जाते उन्होंने कर्मचारियों के पक्ष में ये बड़ा फैसला कर दिया.

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