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नहीं लागू होगा ऑड-इवन, NGT की शर्तों के बाद दिल्ली सरकार ने बदला फैसला

एनजीटी की शर्तों के बाद दिल्ली सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है. केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि अब 13 नवंबर से प्रस्तावित ऑड-इवन लागू नहीं किया जाएगा.

13 नवंबर से लागू करना चाहती थी सरकार 13 नवंबर से लागू करना चाहती थी सरकार
साद बिन उमर/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण पर लगाम के मकसद से प्रस्तावित वाहनों के ऑड-इवन फॉर्मूले पर दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) आमने-सामने है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने जब 13-17 नवंबर तक ऑड-इवन स्कीम लागू करने का फैसला लिया तो एनजीटी ने इस पर नाराजगी जाहिर की. इसके बाद शनिवार को एनजीटी ने कुछ शर्तों के साथ स्कीम लागू करने की इजाजत दी तो सरकार ने फैसला वापस ले लिया.

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शर्तों के बाद बदला फैसला

एनजीटी ने ऑड-इवन स्कीम पार्ट-2 में महिलाओं, आधिकारियों और दुपहिया वाहनों को छूट न देने की शर्त लगाई थी. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है और 13 नवंबर से प्रस्तावित ऑड-इवन स्कीम लागू न करने का निर्णय लिया.

महिलाओं को छूट की अपील करेगी सरकार

दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो NGT से महिलाओं और टू-व्हीलर्स को ऑड-इवन के दायरे से बाहर रखने की मांग करेगी. ताकि महिलाओं की सुरक्षा पर कोई आंच न आए. 

इस संबंध में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली में डीटीसी से हर रोज 30 लाख पेसेंजर ट्रैवल करते हैं. उन्होंने बाताया कि दिल्ली में 66 लाख टू-व्हीलर हैं, ऐसे में अगर 50 फीसदी बाइक सड़क से हटती हैं तो 3500 बस लानी पड़ेंगी, जो संभव नहीं है.

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एनजीटी ने क्या कहा था

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप इसे लागू करें, लेकिन इसमें किसी सरकारी अधिकारी, महिला या दो पहिया वाहनों को कोई छूट नहीं दी जाए. हालांकि सीएनजी वाहनों, एंबुलेंस और दमकल जैसी आपातकालीन सेवाओं को ऑड-इवन योजना से छूट की एनजीटी ने इजाजत दी थी.

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि शहर में जब भी PM10 का स्तर 500 और PM2.5 का स्तर 300 के पार हो तो दिल्ली में खुद ब खुद ऑड इवन लागू हो जाए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि अनुमान के अनुसार 48 घंटे तक बारिश नहीं होती है, तो किसी माध्यम से पानी का छिड़काव भी कराना होगा.

निर्माण कार्यों पर NGT सख्त

एनजीटी ने कहा कि रोक के बावजूद जगह जगह निर्माण कार्य चल रहा है. NHAI अक्षरधाम पर निर्माण कार्य कर रहा है. एम्स के सामने किदवई नगर में NBCC का काम चल रहा है. इस पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए NHAI और NBCC को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि कोर्ट का आदेश न मानने के कारण आपको जेल न भेजा जाए.

इसके साथ एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में चल रहे 13 थर्मल प्लांट सल्फेट गैस छोड़ रहे हैं. ये PM10 और 2.5 का स्तर बढ़ा रहे हैं. इन्हें अपग्रेड किया जाए, हम समिति को निर्देश देते हैं कि इस पर हमें रिपोर्ट दें.

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एनजीटी ने इस संबंध में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगली सुनवाई तक वहां कोई निर्माण कार्य न हो. इसके साथ उन्हें कूड़े और परानी न जलाने को लेकर एक्शन रिपोर्ट मांगा है. अधिकरण ने साथ ही कहा कि किसी भी लैंडफिल साइट में आग न लगाई जाए. अगर ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ़ कार्रवाई होगी.

इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई. इस मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने केजरीवाल सरकार से वह आर्डर दिखाने को कहा, जिसमें ऑड इवन लागू करने की बात है.

NGT ने केजरीवाल सरकार से पूछे ये सवाल

1. कौन सी स्टडी के आधार पर ऑड-इवन लागू किया?

2. क्या आपने इस पर उपराज्यपाल से इजाजत ली?

3. पिछले 10 दिन में ऑड इवन लागू क्यों नही किया?

4. ऑड इवन में दो पहिया वाहनों को छूट देने का वैज्ञानिक आधार क्या है?

5. दिल्ली में क्या कभी PM10 का स्तर 100 रहा है? किसी ऐसे शहर का नाम बताइए जहां PM-10 का स्तर 100 से नीचे हो

एनजीटी ने इस दौरान कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्रीय पूदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को कोई जानकारी ही नहीं है. अधिकरण ने बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, हमारे सब्र का इम्तिहान मत लीजिए. एनजीटी ने साथ ही पूछा, 'ऑड इवन लागू करने पर अपनी मंशा बताइए. कोर्ट के आदेश से पहले आपने ऑड इवन क्यों लागू नहीं किया. क्या हालात सिर्फ 5 दिन के लिए गंभीर हुए हैं?'

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एनजीटी ने पूछा, क्या पिछले 2 दिन में पेट्रोल से चलने वाली 15 साल पुरानी या 10 साल पुरानी डीजल एक भी गाड़ी आपने उठाई है. अधिकरण ने अपने आदेश में कहा, एंट्री पॉइंट पर ट्रैफिक चेक कीजिए.

फिलहाल, सोमवार से राजधानी दिल्ली में ऑड इवन स्कीम लागू नहीं होगी. लेकिन इसे लेकर केजरीवाल सरकार और एनजीटी में एक बार फिर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है.

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