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दिल्ली: खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लूटपाट करने वाले गैंग का भंडाफोड़

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने सभी एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जहां से आरोपियों ने कैश निकाला था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

  • पीड़ित अजीत कुमार पाल ने पुलिस को दी शिकायत
  • कार के अंदर पिस्टल दिखाकर करते थे लूटपाट

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में एक शातिर लुटेरे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों के साथ लूटपाट करता था. 30 जून को अजीत कुमार पाल नाम के एक शख्स ने पुलिस को शिकायत दी कि वो महारानी बाग बस अड्डे से एक स्विफ्ट कार पर बुराड़ी जाने के लिए सवार हुए थे. उस कार में पहले से 3 लोग सवार थे. कुछ दूर जाने के बाद तीनों ने अचानक पिस्टल और वायरलेस सेट निकाल लिया और खुद को सीबीआई के अधिकारी बताने लगे. इन लुटेरों ने एटीएम और मोबाइल फोन लूटने के बाद उसको कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास कार से उतार दिया.

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इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित के अकाउंट से एक लाख 70 हजार रुपये कैश निकाल लिया और साथ ही कुछ दुकानों से कपड़ों की खरीदारी भी कर ली.

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने सभी एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जहां से आरोपियों ने कैश निकाला था.

पुलिस को सीसीटीवी से आरोपी को पकड़ने में मिली मदद

इसके साथ ही उन दुकानों पर भी पुलिस गई, जहां शॉपिंग की गई थी. हालांकि दुकानों से पुलिस को कोई सुराग नही मिला, क्योंकि उनके सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे, लेकिन एक दुकान के मैनेजर ने पुलिस को बताया कि एक आरोपी की गर्दन एक तरफ पूरी तरह से झुकी थी. पुलिस को सड़क पर लगे एक सीसीटीवी में ऐसे लोग नज़र आए, जिनमे एक की गर्दन झुकी थी.

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इस बीच एटीएम के सीसीटीवी से भी पुलिस को आरोपी को पकड़ने में मदद मिली. जांच और मुखबिरों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता लगा कि आरोपी पूर्वी दिल्ली के हो सकते हैं. इसके बाद पुलिस को पक्की जानकारी मिली कि एक शख्स टिंकल उर्फ टेढ़ा त्रिलोकपुरी इलाके में रहता है, जिसके बाद पुलिस ने टिंकल को गिरफ्तार कर लिया.

ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे आरोपी

टिंकल ने पुलिस को बताया कि वो धंधु गैंग में काम करता है. वारदात वाले दिन उसके साथ मुकेश और गिरेन्द्र थे. ये लोग सबसे पहले ऐसे टारगेट की तलाश करते, जो बेहद जल्दी में हो और उसे कोई वाहन न मिल रहा हो. इसके बाद इनकी ही टीम का कोई साथी कार से पहुंचता और उसी तरफ जानें की बात करके अपनी कार में बैठा लेता और फिर उनके साथी भी आकर बैठ जाते.

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इसके बाद रास्ते में अचानक सभी अपने वायरलेस सेट निकालते और उसमें पहले से सेट मैसेज बजाते, जिससे ऐसा लगता कि कहीं पर लूटपाट हुई है और फिर ये तीनों बताते की हम सीबीआई अधिकारी है और सामने वाले से कहते कि वो सारा सामान क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड एक लिफाफे में रख दे. फिर ये पिस्टल दिखाकर सामने वाले को डराकर पिन पूछ लेते और लिफाफा बदलकर सामने वाले को कही सुनसान जगह उतार देते. पुलिस के मुताबिक यह गैंग अब तक 10 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है.

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