
दिल्ली के सियासी उथल-पुथल में पिछले दिनों एक ओर राजभवन था तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री आवास. आरोप-प्रत्यारोप के बीच बात राष्ट्रपति भवन और रेसकोर्स तक भी पहुंची, लेकिन सोमवार को दिल्ली सरकार की जिस ओपन कैबिनेट बैठक को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल खासे उत्साहित हैं वह शुरू होने से पहले विवादों में है. बैठक को लेकर सरकार और पुलिस के बीच नया टकराव शुरू हो गया है.
दिल्ली पुलिस और प्रदेश की केजरीवाल सरकार आपसी विवाद के पुराने साथी रहे हैं. लेकिन रविवार को जिस तरह दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर साफ कर दिया कि कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में होने वाली ओपन कैबिनेट के लिए उससे मंजूरी मांगी ही नहीं गई है. इससे नए विवाद को हवा मिल गई है. दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा, 'सेंट्रल पार्क में कल होने वाली ओपन कैबिनेट के लिए केजरीवाल सरकार ने पुलिस से इजाजत नहीं मांगी है. सरकार ने सिर्फ NDMC को चिट्ठी लिखी है.'
ओपन कैबिनेट बैठक में क्या और क्यों?
सोमवार को होने वाली ओपन कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ अब तक 100 दिनों के कामकाज का ब्योरा रखेंगे. इस दौरान वहां मौजूद दर्शकों को भी कैबिनेट से सीधे सवालों का मौका दिया जाएगा. लोग पर्ची में सवाल लिखकर कैबिनेट तक पहुंचा सकेंगे. कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में कैबिनेट बैठक के मद्देनजर 7 LED स्क्रीन लगी होंगी. जबकि 3 स्क्रीन पार्क के अंदर लगाए जाएंगी.
'आप' ने गिनाईं 100 दिन की उपलब्धियां
इससे पहले रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियां गिनाईं. पार्टी ने कहा कि इतनी तेज गर्मी के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की लगातार आपूर्ति की जा रही है, वह भी सस्ती दर पर. पार्टी ने ट्वीट करते हुए दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों, व्यापारियों को राहत प्रदान करने, द्वारका में जल प्रशोधन यंत्र शुरू करने और स्टाम्प विक्रेताओं को ऑनलाइन लाइसेंस जारी करने के कार्यों का उल्लेख किया.