Advertisement

दिल्ली पुलिस को 'सम-विषम' फैसला नहीं पता

दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि उसे राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी से एक दिन सिर्फ 'सम' और अगले दिन सिर्फ 'विषम' नंबर वाले वाहनों को चलाने की अनुमति दिए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले की औपचारिक सूचना नहीं मिली है.

दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ला रही नई व्यवस्था दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ला रही नई व्यवस्था
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 2:46 AM IST

दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि उसे राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी से एक दिन सिर्फ 'सम' और अगले दिन सिर्फ 'विषम' नंबर वाले वाहनों को चलाने की अनुमति दिए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले की औपचारिक सूचना नहीं मिली है.

>

विशेष यातायात पुलिस आयुक्त मुक्तेश चंदन ने कहा, 'मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है. हमें सिर्फ मीडिया की खबरों से यह जानकारी मिली है.' राजधानी में यातायात का प्रबंधन दिल्ली यातायात पुलिस करती है, लेकिन प्रदूषण में कमी लाने के लिए गए सरकार के फैसले से वह अवगत नहीं है.

Advertisement

>

 

दिल्ली सरकार का फैसला दिल्ली में पंजीकृत करीब 95 लाख वाहनों पर लागू. यह फैसला रोज पड़ोसी राज्यों से राजधानी में प्रवेश करने वाले लाखों अन्य वाहनों पर भी लागू होगा. दिल्ली में रोज करीब डेढ़ हजार अतिरिक्त वाहनों का पंजीकरण होता है. राज्य के कुल वाहनों में करीब 27 लाख कारें हैं.

>

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 है, जो काफी बुरा है. 301 और 400 के बीच के सूचकांक वाली वायु में अधिक समय तक रहने से श्वास संबंधी रोग पैदा होने लगता है. चंदन ने कहा कि औपचारिक सूचना मिलने पर ही इस बारे में कोई टिप्पणी की जा सकेगी. उन्होंने कहा, 'यदि कोई बैठक या चर्चा हो या पत्र मिले, तो हमें फैसले के विवरण मिल पाएंगे.'

>

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को यह फैसला लिया कि 1 जनवरी 2016 से राज्य में पंजीकरण संख्या के अंतिम अंक, सम (2, 4, 6, 8, 10) और विषम (1, 3, 5, 7, 9) वाले वाहन अलग-अलग दिन चलेंगे. चीन की राजधानी बीजिंग में भी 2013 में इसी तरह का फैसला लिया गया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों दिल्ली को एक गैस चैंबर की संज्ञा देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल उपचारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया था.

Advertisement

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि फैसले को अमलीजामा पहनाना कठिन होगा. अधिकारी ने कहा, 'दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इतनी मजबूत नहीं है कि सभी नागरिकों को सेवा दे पाए.' एक अन्य पुलिस अधिकारी ने इस पर आश्चर्य जताया कि बिना यातायात पुलिस से संपर्क किए आखिर राज्य सरकार ने यह फैसला कैसे ले लिया.'

-इनपुट IANS

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement