
याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार अनूप सुंदरनाथ के इस्तीफा देने की खबर है.
अनूप सुंदरनाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया. इस्तीफे में सुंदरनाथ ने
वजह निजी बताई है. हालांकि अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने याकूब की फांसी को लेकर सुप्रीम
कोर्ट में हुई सुनवाई पर असंतोष जताया था. इसी वजह से सुंदररमन के इस्तीफे को इस मामले से जोड़कर
देखा जा रहा है.
अनूप सुंदरनाथ ने 30 जुलाई को याकूब को फांसी देने के दो घंटे बाद इस्तीफा दिया था. सुंदर ने शनिवार को की अपनी फेसबुक पोस्ट में मौत की सजा को लेकर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने की बात कही. अनूप सुंदरनाथ सुप्रीम कोर्ट में अनुबंध पर कार्यरत थे.
'दो फैसले ‘न्यायिक त्याग’ के उदाहरण'
अनूप सुरेंद्रनाथ ने डिप्टी रजिस्ट्रार के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दिया कि चंद घंटों के भीतर दो फैसले ‘न्यायिक त्याग’ के उदाहरण हैं, जिनकी शीर्ष अदालत के ‘अंधकारमय घंटों’ के रूप में गिनती होनी चाहिए. कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, मृत्यु दंड को लेकर चल रही बहस के बीच अनूप का यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया और उन्हें पदमुक्त कर दिया गया. शीर्ष अदालत में करीब 20 डिप्टी रजिस्ट्रार हैं. इनमें से कुछ न्यायपालिका के बाहर से शामिल किए गए हैं.
मृत्यु दंड शोध परियोजना के निदेशक हैं अनूप
प्रो. अनूप सुरेन्द्रनाथ दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनीवर्सिटी के संकाय सदस्य और मृत्यु दंड शोध परियोजना के निदेशक हैं. उन्होंने कहा कि वह कई वजहों से कुछ वक्त से इस बारे में सोच रहे थे लेकिन शीर्ष अदालत में इस सप्ताह जो कुछ भी हुआ उसने इसमें अहम भूमिका निभा दी.
पढ़ाई के लिए इस्तीफा?
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में मृत्यु दंड के कार्य पर पूरा ध्यान केन्द्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपने पद से इस्तीफा दिया है. प्रो. अनूप सुरेन्द्रनाथ ने अपने इस्तीफे के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट पर लिखा था. इस संबंध में संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया.