
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डीडीए बेहद दबाव में काम कर रही है. कोर्ट ने कहा कि आपको दिल्ली के लोगों की फिक्र नहीं है, आपके लिए सिर्फ व्यापारी ही मायने रखते हैं.
धरना नहीं तो फर्क नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए के प्रति गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जब व्यापारी प्रदर्शन करते हैं तो आप कन्वर्जन चार्ज 89 हजार से घटाकर 17 हजार कर देते हैं, आप इसे जीरो भी कर सके हैं. लेकिन उस जनता क्या, जो धरना प्रदर्शन नहीं कर सकती है.
कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हाथों में झंडा उठाए प्रदर्शन नहीं करता तो आपकी नजर में उसके कोई मायने नहीं हैं. कोर्ट ने डीडीए को नसीहत देते हुए कहा कि आपको व्यापारी और आम जनता के बीच संतुलन बनाना चाहिए, लेकिन आप ऐसा नहीं कर रहे हैं.
व्यापारी नहीं, नागरिकों का हित देखिए
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को साफ कह दिया है कि आप पहले दिल्ली के आम नागरिकों के हित के बारे में सोचें और कदम उठाएं, न कि व्यापारियों के लिए.
लॉकर और एटीएम शिफ्ट करने की इजाजत
सीलिंग की चपेट में आ रहे बैंकों और एटीएम को लेकर भी कोर्ट ने आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ऐसे बैंक अपने एटीएम और लॉकर 30 जून से शिफ्ट कर सकते हैं.
बता दें कि सीलिंग के विरोध में आज एक बार फिर व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं जिससे शहर के अधिकतर प्रमुख बाजार बंद रहे. ये हड़ताल सीएआईटी और ऑल दिल्ली ट्रेडर्स एंड वर्कर्स एसोसिएशन ने बुलाई है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (एआईटी) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया है कि सीलिंग अभियान से व्यापारियों, उनके कर्मचारियों और परिवार के लोगों सहित
40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.