
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे नौजवान को गिरफ्तार किया है, जिसकी योजना जानकर पुलिसवालों के भी होश उड़ गए. आरोपी का नाम सचिन है, जो अभी 19 साल का है. आरोपी ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर दिल्ली के कई बड़े लोगों से रंगदारी मांगने की योजना बनाई थी. इसके बाद वे राजनीति में किस्मत चमकाना चाहते थे.
सचिन और उसके 3 साथी आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ ही गए. पुलिस के मुताबिक सचिन और उसके साथियों ने मिलकर दिल्ली के नामचीन लोगों से रंगदारी मांगने का प्लान बनाई और उसके लिए एक 'बदमाश कंपनी' बनाई. फिर इन चारों ने मिलकर साउथ दिल्ली एक इंजीनियर को फोन पर धमकी देकर 2 करोड़ की रंगदारी मांगी.
इन लोगों ने फोन पर खुद को क्रांति गैंग से जुड़ा बताया. और उस इंजीनियर को पैसे ना देने पर परिवार समेत जान से मारने की धमकी दे डाली. हम आपको बता दें कि क्रांति गैंग वही गैंग है, जिसके सरगना राजेश भारती और उसके 3 साथियों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साउथ दिल्ली के छतरपुर इलाके में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था.
पुलिस के मुताबिक आरोपी सचिन ने अभी बारहवीं पास की है. लेकिन उसे इंटरनेट की अच्छी नॉलेज है. लिहाजा फोन पर धमकी देने के लिए वो इंटरनेट के जरिए वीओआईपी कॉल कर रहा था. यही वजह थी कि इंजीनियर को धमकी देने वाले का नंबर कभी अमेरिका तो कभी दुबई का दिखा रहा था.
वीओआईपी कॉल को ट्रेस करना आसान नहीं होता और ये बात सचिन को पता थी. लेकिन पुलिस ने भी इनको पकड़ने की पूरी प्लानिंग कर ली थी. लिहाजा पुलिस ने इंजीनियर के साथ मिलकर फिरौती की रकम का बंदोबस्त किया और गैंग के बताए पते पर जा पहुंची. जैसे ही सचिन और उसके साथी पैसे लेने पहुंचे. पुलिस ने सभी को धर दबोचा.
डीसीपी साउथ रोमिल बानिया के मुताबिक पूछताछ में सचिन ने जो खुलासा किया उसे सुनकर तो पुलिस हैरान रह गई. सचिन ने खुलासा किया कि वो रंगदारी के पैसों से अच्छे कॉलेज में दाखिला लेकर छात्र राजनीति में आना चाहता था. इस तरह देश की सियासत में वह अपना सिक्का चलाना चाहता था.
बस स्टूड़ेंट पॉलिटिक्स में अपना सिक्का जमाने और कॉलेज में दाखिला लेने के लिए ही सचिन ने एमसीडी के एक इंजीनियर को धमका कर रंगदारी मांगने की साजिश रच डाली. लेकिन गैंग अपने मंसूबों के कामयाब हो पाता और सचिन लूट के पैसों से नेतागिरी की पारी खेलपाता, उससे पहले ही वह सलाखों के पीछे पहुंच गया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हथियार और रंगदारी के रूप में वसूली गई 1 करोड़ 80 लाख रुपये की रकम भी बरामद कर ली है.