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दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में 79
छात्रों को शॉर्ट अटेंडेंस के कारण एग्जाम में नहीं
बैठने दिया गया. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले
छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम क्लास
अटेंडेंस की आवश्यकता होती है.
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हालांकि कई बार कॉलेजों की ओर से उदारता
दिखाई जाती है और छात्रों का अटेंडेंस कम होने के
बावजूद उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी
जाती है. पर इस बार विवेकानंद कॉलेज छात्रों के
साथ उदारता का रास्ता अपनाने के मूड में नहीं
दिख रहा और उसने 79 छात्रों को अटेंडेंस कम होने
के कारण परीक्षा में बैठने से इंकार कर दिया.
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एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज
प्रशासन का कहना है कि उदारता की भी एक सीमा
है. कॉलेज की कार्यवाहक प्रमुख हिना नंदराजोग के
अनुसार परीक्षा में बैठने के लिए 1st year
छात्रों का अटेंडेंस कम से कम 40 फीसदी होना
चाहिए और 2nd year के लिए 55 फीसदी
अटेंडेंस अनिवार्य है. इससे कम कॉलेज अटेंड करने
वाले छात्रों को परीक्षा के लिए नामंजूर कर दिया
गया है.
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ये नियम यूनिवर्सिटी के निर्देशों में है और
कॉलेजों के पास इसका पालन करने का
विशेषाधिकार है. छात्रों के पास कॉलेज अटेंड न
करने का कोई कारण नहीं है, बशर्ते उनकी कोई
पारिवारिक समस्या न हो.
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हिना नंदराजोग का कहना है कि उनका कॉलेज अटेंडेंस को लेकर काफी सख्त है और हर सेमेस्टर के बाद अटेंडेंस का डेटा अभिभावकों के पास भी भेजा जाता है. यहां तक हम माता-पिता को कॉलेज भी बुलाते हैं ताकि छात्र के कम अटेंडेंस के कारणों का पता लगा सकें. पर कई अभिभावक इससे जागरुक नहीं हैं.