
उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा है कि धन के सृजन में किसी भी तरह की रूकावट पैदा नहीं होनी चाहिए क्योंकि इसके बाद ही संपत्ति का वितरण होता है. खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्था का समर्थन करते हुए अंबानी ने कहा कि नोटबंदी यह दिखाती है कि भारत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार है.
अंबानी ने कहा कि भारत को वास्तव में अपनी शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है और प्रौद्योगिकी से इस दिशा में सर्वाधिक मदद मिल सकती है. नोटबंदी की तारीफ करते हुए अंबानी ने कहा कि नोटबंदी की सफलता यह दिखाती है कि भारत के लोग प्रौद्योगिकी से जुड़े बड़े बदलावों को अपनाने के लिए तैयार हैं.
दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अंबानी ने कहा कि धन का सृजन करना सबसे बड़ी मुश्किल है लेकिन एक बार ये हो गया तो आसानी से समावेशी विकास की ओर बढ़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि धन का वितरण थोड़ा आसान है लेकिन इसके सृजन के लिए किसी पर दबाव नहीं डालना चाहिए.
नई तकनीकी पर बोलते हुए अंबानी ने कहा कि पिछले 90 दिनों से भारत में डिजिटल लेन-देन और लेशकैश के लिए मुहिम चलाई जा रही है. लोगों ने इसे अपनाया क्योंकि इसमें उन्हें अपनी भलाई दिख रही है. हम एक समाज में रहते हैं जहां हमें उसकी बेहतरी के लिए कुछ करना भी चाहिए. हमें ऐसी तकनीकी लानी चाहिए जिसकी पहुंच सभी तक हो और भविष्य में वो उनके काम आ सके.