
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500-1000 के नोट बैन करने की घोषणा की. इस फैसले ने पूरे देश में हलचल मचा दी. मोदी सरकार को विपक्षी खेमों की तरफ से काफी आलोचना झेलनी पड़ी. जनता का गुस्सा भी सामने आया. आर्थिक विशेषज्ञों ने भी फैससे से नफे-नुकसान की अलग-अलग राय रखी. अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नोटबंदी का इस साल होने वाले इंक्रीमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है.
अंतर इंटरनेशनल नेटवर्क इंडिया ने अपने एक सर्वे के आधार पर यह निषकर्ष निकाला है. सर्वे के अनुसार नोटबंदी का असर इस साल की वेतनवृद्धि पर नहीं पड़ा. सर्वे के मुताबिक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 20 प्रतिशत तक वृद्धि की.
बता दें कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही इसके नकारात्मक असर के दावे किए जा रहे थे. साथ ही नियुक्तियों और रोजगार-बाजार पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही थी. सर्वे के अनुसार 2017 की शुरुआत में रोजगार और बाजार की शुरुआत काफी कमजोर रही. सर्वे में हिस्सा लेने वाले 85 फीसद लोगों ने कहा कि तमाम अटकलों के बावजूद नोटबंदी का असर इस साल की वेतन वृद्धि पर नहीं पड़ा. सर्वे के अनुसार लॉजिस्टिक्स और अभियांत्रिकी क्षेत्रों के पेशेवरों को सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की पेशकश की गई.
पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2018 की रात देश को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होेंने 500-1000 के नोट बैन करने का ऐलान किया था. जिसके बाद देशवासियों को बैन करेंसी बैंक में जमा कराने का मौका दिया गया था. इसके बाद 2000 रुपए का नया नोट जारी किया गया था. मोदी सरकार के उस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया था. यूपी विधानसभा चुनाव में भी नोटबंदी को बड़ा मुद्दा बनाया गया था.