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संसद में गूंजा आजतक का 'ऑपरेशन हुर्रियत', जेटली बोले- अलगाववादी बदल रहे फंडिंग का तरीका

नोटबंदी से पत्थरबाजों की संख्या में भी कमी आई है. जेटली ने बताया कि पिछले 6 महीनों में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं.

लोकसभा में अरुण जेटली लोकसभा में अरुण जेटली
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को 'आजतक' के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' का जिक्र कर बताया कि कैसे अलगावबादी अपना फंडिंग का तरीका बदल रहे हैं. जेटली ने इसके साथ ही कहा कि नोटबंदी से आतंकी फंडिंग पर रोक लगी है. नोटबंदी के बाद आतंकियों को फंड इकठ्ठा करने के लिए लूट के अलग-अलग तरीके आजमाने पड़ रहे हैं. नोटबंदी की वजह से आतंकियों का पैसा खत्म हुआ है और बैंक लूट जैसी वारदात को अंजाम देने लगे हैं.

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नोटबंदी से पत्थरबाजों की संख्या में भी कमी आई है. जेटली ने बताया कि पिछले 6 महीनों में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं. लोकसभा में अनुदान की पूरक मांग पर बहस का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि 2008 से 2010 तक हमने सड़कों पर हजारों पत्थरबाज देखे. पिछले कुछ महीनों में सड़कों पर 25-50 या 100 से ज्यादा पत्थरबाज नहीं देखने को मिले हैं. इसका प्रमुख कारण यह है कि आतंकवादियों का वित्तपोषण घट गया है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के परिणामस्वरूप, आतंकवादी बैंकों से पैसे लूटने को मजबूर हुए. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के निवासी संदीप शर्मा, जिसे दक्षिण कश्मीर में लश्करे तैयबा मॉड्यूल के सदस्य के रूप में गिरफ्तार किया गया था जो एक वेल्डर था और आतंकवादियों के लिए बैंक के लॉकर्स खोलता था. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को धन की कमी नोटबंदी का प्रत्यक्ष परिणाम है. यह न सिर्फ कश्मीर घाटी में हो रहा है, यह छत्तीसगढ़ में भी हो रहा है.

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आपको बता दें कि आजतक के ऑपरेशन हुर्रियत के बाद एनआईए ने अब तक 8 हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी की है. इन्हें इसी महीने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी.

'ऑपरेशन हुर्रियत' से बेनकाब हुए अलगाववादी

1. आजतक/इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनैंसर्स को बेनकाब किया था. ये हमेशा माना जाता रहा है कि कश्मीर घाटी में गर्मियों में फैलाई जाने वाली गड़बड़ी के तार सरहद पार बैठे स्पॉन्सर्स से जुड़े होते हैं. लेकिन पहली बार इंडिया टुडे को इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाबी मिली.

2. कैमरे पर हुर्रियत के कई नेताओं ने कबूल किया कि उन्हें पाकिस्तान से फंड मिलता है ताकि घाटी में अशांति का माहौल बनाए रखा जा सके.

3. हुर्रियत के गिलानी धड़े के प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान से हमारे अंडरकवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा और खुद को काल्पनिक धनकुबेर बताते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई. नईम फिर चोरी छिपे ढंग से अंडरकवर रिपोर्टर्स से मिलने दिल्ली तक पहुंच गया.

4. नईम ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले थे. नईम खान कैमरे पर ये कहते हुए कैद हुआ कि 'पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़ा प्रदर्शन खड़ा करने के लिए हाथ-पैर मार रहा है.'

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5. घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किस स्तर पर पैसा धकेला जा रहा है, इस पर नईम खान ने कहा, 'पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं.'

6. हुर्रियत नेता ने ये भी कबूला कि किस तरह इस्लामाबाद काले धन की धुलाई को भी अंजाम दे रहा है. इस तरह कैमरे पर किसी भी कश्मीरी अलगाववादी नेता ने पहली बार ये खुलासा किया.

7. स्टिंग में हुर्रियत नेताओं के कबूलनामे से साफ हुआ कि घाटी में दिखाए जाने वाले गुस्से की स्क्रिप्ट किस तरह पाकिस्तान लिखता है. साथ ही घाटी के असली खलनायकों का काले चिट्ठे का भी खुलासा होता है.

 

 

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