
दिल्ली में एक बार फिर डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों ने एमसीडी के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. हालांकि बीते हफ्ते मामले तो कम सामने आए लेकिन असल चिंता इस बात की है कि इन दोनों बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या पिछले साल से कहीं ज्यादा है.
सबसे पहले बात चिकनगुनिया की करें तो इस साल 29 अप्रैल तक इसके कुल 86 मामले सामने आ चुके हैं जबकि पिछले साल इसी तारीख तक चिकनगुनिया का एक भी मामला सामने नहीं आया था. आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली में चिकनगुनिया के 7760 मामले सामने आए थे हालांकि इस बीमारी से किसी की मौत की खबर नहीं मिली.
चिकनगुनिया के अलावा दिल्ली में डेंगू के भी मामले बढ़कर 32 हो चुके हैं. पिछले हफ्ते 2 नए मामले सामने आए हैं. पिछले साल डेंगू के 29 अप्रैल तक सिर्फ 7 मामले सामने आए थे और साल खत्म होने तक बढ़कर 4432 तक पहुंच चुके थे. पिछले साल डेंगू से 10 लोगों की मौत की पुष्टि भी एमसीडी ने की थी.
खतरा क्यों है बड़ा
साल के शुरुआती महीनों में डेंगू और चिकनगुनिया के इतने मामलों का सामने आना दिल्ली के लिए इसलिए भी बड़ा खतरा माना जा रहा है क्योंकि ये इन बीमारियों का मौसम है ही नहीं. दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बारिश का मौसम जाते-जाते सामने आना शुरु होते हैं और सितंबर-अक्टूबर में ये बीमारियां अपने चरम पर होती हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि यदि वक्त रहते एमसीडी नहीं चेती तो दिल्ली के लिए डेंगू और चिकनगुनिया का डंक खतरनाक साबित होगा.