
दिल्ली सरकार लगातार दावे कर रही है कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए समुचित इंतजाम किए गए हैं. दावों की सच्चाई जानने के लिए 'आज तक' ने दिल्ली के रोहिणी में बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल का रियलिटी चेक किया है.
अगस्त का महीना खत्म होने तक दिल्ली में डेंगू का आंकड़ा 300 पर कर चुका है. लेकिन साथ ही साथ वायरल फीवर भी तेजी से जोर पकड़ रहा है. जाहिर है ऐसे में इस बात को लेकर सवाल खड़ा होता है कि क्या सरकारी अस्पताल इससे लड़ने के लिए तैयार हैं. 'आज तक' की टीम ने जो अपने कैमरे में कैद किया वो सरकार के दावों की पोल जरूर खोलता है.
बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में काउंटर पर मरीजों की भीड़ के बीच एक शख्स को स्ट्रेचर पर ही ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दी गई. वहीं बुखार से पीड़ित 2-2 मरीज एक एक ही बेड पर लेटा हुआ था. मरीज के परिवार ने बताया कि एक ही बेड में 2 लोगों को जगह दी गई है. हालांकि एक तरफ जहां मरीजों को इलाज के लिए सिंगल बेड नहीं मिल पाया, वहीं पूरे अस्पताल में एक बड़ा-सा कमरा रोगी कल्याण समिति के नाम किया गया है. ये उन दावों के उलट नजर आया है, जहां सरकार ने डॉक्टर के कमरे में भी बेड लगाने की बात कही थी.
लापरवाही और बेड की कमी का सवाल पर बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के मेडिकल सुप्रीडेंट जयप्रकाश ने बताया कि डेंगू के मद्देनजर हमने हर मरीज को देख रहे हैं. मरीजों का लोड बहुत ज्यादा होता है इस वक्त मामले तेजी सामने आ रहे हैं. पिछले एक हफ्ते में इमरजेंसी विभाग में फीवर के 2700 मामले आए हैं. जयप्रकाश ने कहा कि हम बेड बढ़ाने की पॉलिसी पर काम कर रहे हैं. फिलहाल 500 बेड का हमारा अस्पताल है. फीवर क्लीनिक के अलावा डिजास्टर रूम के बेड भी हम इस्तेमाल करते हैं और हम अपने आप ही मैनेज कर रहे हैं.