
महाराष्ट्र के मनोनीत मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को किताबों और आईफोन से बहुत लगाव है. 44 वर्षीय फड़नवीस महाराष्ट्र की राजनीति में बहुत तेजी से उभरे हैं और उन्हें सबसे कम उम्र के पार्षद, बनने का गौरव प्राप्त है. वह दो बार नागपुर शहर के मेयर रहे और 1999 से अब तक चार बार विधायक चुने गए है.
फड़नवीस उन राजनेताओं में हैं, जिन्हें पढ़ने लिखने का बहुत शौक रहा है. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया. इसके अलावा उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में पीजी किया है. प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में उन्होंने बर्लिन से डिप्लोमा किया. वह महाराष्ट्र बीजेपी के महासचिव 2010 में बने और फिर 2013 में पार्टी अध्यक्ष बन गए. विधायक के तौर पर सदन में उनके भाषणों की बहुत चर्चा होती थी. लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के लिए जबर्दस्त काम किया, जिससे उनका बहुत नाम हुआ.
फड़नवीस के परिवार में उनकी पत्नी अमृता, बिटिया द्विजा के अलावा मां सरिता हैं. वे सभी नागपुर के धर्मपीठ मुहल्ले में रहते हैं. उनकी पत्नी एक्सिस बैंक में काम करती हैं और उन्होंने साफ कर दिया है कि वह पति के सीएम बनने के बावजूद काम नहीं छोड़ेंगी.
जाति से ब्राह्मण फड़नवीस को अपने सहज और मृदु व्यवहार के कारण सफलता मिली है. उनके पिता गंगाराव फड़नवीस आरएसएस से जुड़े हुए थे और नागपुर से एमएलसी बने. वह आपातकाल में जेल भी गए. उनका देहांत कम उम्र में हो गया. उस समय देवेन्द्र सिर्फ 17 साल के थे और वह पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति से भी जुड़े रहे. उन्हें अन्य नेताओं के साथ-साथ गोपीनाथ मुंडे का भी काफी समर्थन था. उनके व्यवहार के कारण ज्यादातर नेता उन्हें पसंद करते थे और यही कारण रहा कि वह नरेन्द्र मोदी की नजरों में आए.
पढ़ाई के शौकीन फड़नवीस ऊर्जा, टैक्स तथा अर्थशास्त्र पर किताबें पढ़ते रहते हैं. उन्हें नई टेक्नोलॉजी से बहुत लगाव है और वे हमेशा अपने पास आईफोन तथा आईपैड रखते हैं. उन्हें पुराने हिन्दी गाने और हिन्दी फिल्मों के डायलॉग बहुत पसंद हैं.