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रिटायरमेंट के बाद डीजी वंजारा का प्रमोशन, गुजरात सरकार का फैसला

गुजरात सरकार ने पुरानी तारीख से से डीजी वंजारा को IG पद पर प्रमोशन दिया गया है. महत्वपूर्ण है कि 2014 में डी जी वंजारा रिटायर हुए थे. हालांकि नये आदेश के बाद उन्हें 2007 से IG पद पर नियुक्त हुआ माना जाएगा.  वंजारा को इस प्रमोशन के साथ साथ तनख्वाह और पेंशन में भी फायदा मिलेगा.

रिटायर IPS ऑफिसर डीजी वंजारा (हरी शर्ट में, फाइल फोटो- पीटीआई) रिटायर IPS ऑफिसर डीजी वंजारा (हरी शर्ट में, फाइल फोटो- पीटीआई)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

  • डीजी वंजारा को मिला प्रमोशन
  • गुजरात सरकार का आदेश
  • फेक एनकाउंटर केस में थे आरोपी

गुजरात सरकार ने पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा को रिटायरमेंट के बाद प्रमोशन दिया है. गुजरात सरकार ने मंगलवार को ये आदेश जारी किया है. डीजी वंजारा पर गुजरात में फेक एनकाउन्टर के आरोप थे.

गुजरात सरकार ने बैक डेट से डीजी वंजारा को IG पद पर प्रमोशन दिया गया है. महत्वपूर्ण है कि 2014 में डी जी वंजारा रिटायर हुए थे. हालांकि नए आदेश के बाद उन्हें 2007 से IG पद पर नियुक्त हुआ माना जाएगा. वंजारा को इस प्रमोशन के साथ साथ तनख्वाह और पेंशन में भी फायदा मिलेगा.

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फेक एनकाउन्टर के आरोप लगे

 2004 में अहमदाबाद पुलिस के द्वारा कतरपुर वोटर वर्कस के पास इशरत जहां, जावेद जीशान, और अमजद को मार दिया गया था. पुलिस का दावा था कि ये चारों आतंकी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के इरादे से यहां आए थे. इस मामले में इशरत जहां की मां ने गुजरात हाइकोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर इस एनकाउंटर की जांच की मांग की थी.  

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इस मामले की जांच पहले हाइकोर्ट की खास टीम के जरिए की गई थी और बाद में सीबीआई को इस जांच को सौंपा गया था. सीबीआई ने इस मामले में एनकाउंटर को फर्जी बताकर डीजी वंजारा समेत शामिल सभी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. सीबीआई का इस पूरे एनकाउंटर मामले में दावा था कि सभी आरोपी पहले से ही कस्टडी में थे फिर भी पुलिस ने उनकी हत्या की.

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इशरत जहां एनकाउंटर में छूटे वंजारा

गौरतलब है कि पिछले साल सीबीआई कोर्ट ने डीजी वंजारा को इशरत जहां एनकाउंटर के केस में मुक्त करने का आदेश दिया था. वंजारा की दलील थी कि उन्हें इस केस में आरोपी बनाकर उनके खिलाफ दायर की गई चार्जशीट से पहले सीआरपीसी की धारा 197 के मुताबिक सीबीआई ने राज्य सरकार से मंजूरी नहीं ली है इसलिए उन्हे मुक्त किया जाए. कोर्ट ने इस मामाले में सभी पक्षकारों को सुनकर राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कार्रवाई के मुद्दे को ध्यान में रखकर डीजी वंजारा और साथी पुलिस अफसर को मुक्त कर दिया था.

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सोहराबु्द्दीन एनकाउंटर केस में भी बरी

बता दें कि डीजी वंजारा एक दूसरे केस सोहराबु्द्दीन एनकाउंटर केस में भी आरोपी थे. इस केस को गुजरात से मुंबई ट्रांसफर किया गया था, हालांकि इस केस में भी बंबई हाइकोर्ट ने डीजी वणजारा को क्लीन चीट दे दी है.

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