
उरी आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना की ओर से की गई पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी. इसके पहले भारत के सर्जिकल स्ट्राइक करने का कोई रिकॉर्ड सेना के पास नहीं है. इसका खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है. डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) ने बताया कि 29 सितंबर 2016 से पहले सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
सेना की ओर से दी गई इस जानकारी से साफ है कि मोदी सरकार के समय में ही पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई. इस बाबत पीटीआई ने आरटीआई के तहत रक्षा मंत्रालय से जानकारी मांगी थी. रक्षा मंत्रालय इस आवेदन को DGMO को भेजा था. इसमें डीजीएमओ ने कहा कि 29 सितंबर 2016 को सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
इस RTI आवेदन में सर्जिकल स्ट्राइक की परिभाषा भी बताने को कहा गया. इसके जवाब में DGMO ने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूत्रों के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक एक ऐसा सैन्य ऑपरेशन है, जो विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर अंजाम दिया जाता है. यह पूरी तरह वैध सैन्य कार्रवाई है, जिसका मकसद कम से कम नुकसान के साथ दुश्मन को निशाना बनाना होता है. इसमें कहा गया कि अगर इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक की भी गई, तो इसका रिकॉर्ड DGMO के पास नहीं है.
इससे पहले एक आरटीआई के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने साफ किया था कि भारतीय सेना की ओर से पहली सर्जिकल स्ट्राइक मोदी सरकार में ही की गई. मालूम हो कि पूंछ और उरी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों को ढेर करके लिया था. इसके बाद DGMO और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसका खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि भारतीय फौज ने नियंत्रण रेखा को पार करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया.