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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मशहूर हुए अफसर को बड़ी जिम्मेदारी, जानिए क्या है DGMO की अहमियत

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट को भारतीय सेना का नया डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स बनाया है. वह लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह की जगह लेंगे. पीओके में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद रणवीर सिंह ने ही मीडिया को संबोधित किया था. सर्जिकल स्ट्राइक और इसके बाद डीजीएमओ रणवीर सिंह के संबोधन के बाद 'डीजीएमओ' शब्द खूब सुर्ख‍ियों में रहा.

भारतीय सेना भारतीय सेना

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट को भारतीय सेना का नया डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स बनाया है. वह लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह की जगह लेंगे. पीओके में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद रणवीर सिंह ने ही मीडिया को संबोधित किया था. सर्जिकल स्ट्राइक और इसके बाद डीजीएमओ रणवीर सिंह के संबोधन के बाद 'डीजीएमओ' शब्द खूब सुर्ख‍ियों में रहा.

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सेना में डीजीएमओ का क्या महत्व?
पाठकों के मन में यह सवाल भी होगा कि आखिर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद डीजीएमओ ने ही प्रेस को क्यों संबोधित किया जबकि सेना के प्रमुख तो आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग हैं. तो इस सवाल का जवाब है कि सेना प्रमुख इंडियन आर्मी का सर्वेसर्वा चीफ होता है. सेना में कई विभाग होते हैं, जैसे- ऑपरेशंस, ट्रेनिंग, पर्सनल, फाइनेंस... इत्यादि. और इन विभागों का प्रमुख डायरेक्टर जनरल होता है जो लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अफसर होता है.

करीब 13 लाख जवानों की इंडियन आर्मी में इसके बाद कमांड, डिविजन, ब्रिगेड, रेजिमेंट होते हैं जिसके मुखिया उनके कमान अधिकारी होते हैं. जहां तक डीजीएमओ का सवाल है तो ये वो अथॉरिटी है जिसकी इजाजत किसी भी मिलिट्री ऑपरेशन से पहले लेनी जरूरी होती है. चाहे हो सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर आर्मी की यूनिट्स का मूवमेंट हो या हथियार या गोला बारूद को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना हो. इस तरह डीजीएमओ ही सेना के किसी ऑपरेशन के बारे में मीडिया से बातचीत करने के लिए सक्षम अधिकारी है.

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रणवीर सिंह जहां जा रहे हैं वहां की अहमियत
लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह को प्रमोशन देकर स्ट्राइक 1 कोर का जनरल ऑफिसर कमांडिंग यानी कोर कमांडर बनाया गया है. अब तक इस पोस्ट पर रहे लेफ्टिनेंट जनरल शौकीन चौहान को असम राइफल्स का नया चीफ बनाया गया है.

सेना की स्ट्राइक 1 कोर देश के तीन हमलावर बलों में से एक है. इसका हेडक्वार्टर उत्तर प्रदेश के मथुरा में है. सेना की यह कोर शॉर्ट नोटिस में पाकिस्तान के भीतर घुसकर हमला करने के लिए 24x7 तैयार रहती है.

भारतीय सेना के इस कोर का गठन 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान किया गया था. इस कोर ने 1965 की जंग में पाकिस्तान के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी थी. पाकिस्तान के खि‍लाफ 1971 के युद्ध में भी इस कोर ने बसंतर की लड़ाई में हिस्सा लिया था.

सेना की यह कोर दक्ष‍िण पश्चिमी कमान के तहत आती है जिसका मुख्यालय जयपुर में है. स्ट्राइक 1 कोर के तहत आर्मी के तीन डिविजन हैं- इलाहाबाद स्थित चौथी इंफ्रैंट्री डिविजन, बरेली स्थ‍ित छठी माउंटेन डिविजन और हिसार में 33वीं आर्मर्ड डिविजन.

नए डीजीएमओ के बारे में
नए डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल भट्‌ट गोरखा राइफल्स से हैं और अभी आर्मी हेडक्वार्टर में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (शिकायत और सलाहकार परिषद) के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वो असम में सेना की 21वीं डिविजन के कमान अधि‍कारी रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टरेट में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, उस वक्त उनकी रैंक ब्रिगेडियर की थी. 1981 बैच के अफसर भट्ट भी उसी गोरखा राइफल्स से हैं जिस रेजिमेंट से मौजूदा सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग हैं. नए डीजीएमओ की नियुक्ति ऐसे समय हो रही है जब सरहद पर माहौल गर्म हैं और पाकिस्तान में नए आर्मी चीफ जनरल क़मर जावेद बाजवा की ताजपोशी हो रही है.

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