
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टी20 मुकाबले में जब एक छोर से टेस्ट कप्तान विराट कोहली धुंआधार पारी खेल रहे थे तो दूसरी छोर से वनडे और टी20 कप्तान धोनी उनकी इस पारी का आनंद ले रहे थे. जब मैच में जीत के लिए 10 गेंदों पर 10 रन बनाने की जरूरत थी और कोहली फिर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में चूके और फिर पिच पर खुद से नाखुशी जताई तो धोनी आगे बढ़े और उन्हें संयम बरतने को कहा. धोनी ने उन्हें समझाया की रन प्रति गेंद बनाने से जीत जाएंगे. विराट ने हां में अपना गर्दन हिलाया लेकिन अगली ही गेंद पर चौका जड़ दिया. हालांकि इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि विराट धोनी की बात नहीं मानते. मैच के बाद दोनों गले मिले और धोनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली की तारीफों के पुल बांधे.
‘विकेट बैटिंग के लिए आसान नहीं था’
धोनी ने विराट कोहली की 51 गेंद में नाबाद 82 रन की बेहतरीन पारी की सराहना करते हुए कहा कि स्वाभाविक आक्रामकता और धीरे धीरे विकसित धैर्य का संयोजन इस स्टार बल्लेबाज के लिए
शानदार काम कर रहा है. धोनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘यह बेहतरीन पारी थी. विशेषकर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि विकेट बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं था, शॉर्ट गेंदों को
खेलना आसान नहीं था. अच्छी चीज ये रही कि उन्होंने स्पिनरों से काफी गेंदबाजी नहीं कराई. उसने युवी के साथ साझेदारी की जिनका टखना मुड़ गया और वे तेज दो रन नहीं ले पाए. उस समय भी
उसने अच्छी बल्लेबाजी की और विकेटों के बीच उसकी दौड़ बेहतरीन थी.’
‘मैं महान क्रिकेटर नहीं हूं’
कोहली ने धोनी के साथ 31 गेंद में 67 रन की अटूट साझेदारी के दौरान अधिकांश रन बनाए लेकिन इस दौरान कप्तान ने मुश्किल हालात में शानदार जज्बा दिखाते हुए टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया.
धोनी और कोहली ने विकेटों के बीच शानदार दौड़ लगाई और कप्तान ने कहा कि तेज दौड़ने वाला खिलाड़ी हमेशा टीम के लिए अहम होता है.
धोनी ने अच्छे रनर की अहमियत पर मजाकिया लहजे में कहा, ‘उसे अब भी मुझे भुगतान करना है. मैं उसके रन दौड़ रहा था.’ उन्होंने कहा, ‘बीच के ओवरों में अगर आप अच्छे रनर हैं तो यह आपके ऊपर से दबाव कम कर देता है और क्षेत्ररक्षकों और गेंदबाजों को दबाव में डाल देता है. मैं ऐसा खिलाड़ी नहीं हूं जो महान हो. मैं सिर्फ गैरपारंपरिक क्रिकेट खेलता हूं, एक रन को दो रन में बदलने की कोशिश करता हूं और अगर मेरे क्षेत्र में आए तो छक्का जड़ने की कोशिश करता हूं. मैं विराट की तरह नहीं हूं जो कहीं भी शॉट खेल सकता है.’
‘विराट-युवी पर छोड़ता हूं कि वे करें फैसला’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मध्यक्रम के कई बल्लेबाज जो अच्छे थे वे अच्छे रनर भी थे. इसका एक उदाहरण माइकल बेवेन हैं. आपके पास क्षेत्ररक्षक को दबाव में डालने का मौका होता है विशेषकर तेज
गेंदबाजों को. प्रत्येक टीम में ऐसे क्षेत्ररक्षक होते हैं जो सबसे तेज नहीं होते या ऐसे क्षेत्ररक्षक जो तेज तो होते हैं लेकिन तेज थ्रो नहीं फेंक पाते. इसलिए आपको इन्हें निशाना बनाना होता है.’ कोहली के
साथ बल्लेबाजी के दौरान युवराज को टखना मुड़ने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा था जिसके बाद वह एक्सट्रा कवर पर कैच देकर पवेलियन लौट गए.
डग आउट में उस समय हो रही चर्चा पर धोनी ने कहा, ‘युवी और विराट जैसे जब दो खिलाड़ी खेल रहे हो तो यह आसान फैसला होता है. विराट उप कप्तान है और युवी ने भारत के लिए 250 से अधिक वनडे खेले हैं. आपको उन पर छोड़ना होता है कि वे सर्वश्रेष्ठ फैसला करें.’
‘युवी की चोट गंभीर तो बदलाव संभव’
वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल में अंतिम एकादश में संभावित बदलाव पर धोनी ने कहा कि यह विकेट पर निर्भर करेगा. धोनी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि हमें बदलाव करने चाहिए या नहीं लेकिन
अगर विकेट को देखकर संभव हुआ तो ऐसा किया जा सकता है. हमें युवराज की चोट का भी ध्यान रखना होगा. अगर फिजियो ने कहा कि चोट बुरी है तो हमें विकल्प तैयार रखना होगा.’ ऑस्ट्रेलिया ने
चार ओवर में 53 रन बना लिए थे लेकिन गेंदबाजों ने इसके बाद प्रभावी प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 160 रन पर रोक दिया. आशीष नेहरा ने एक बार फिर शानदार गेंदबाजी की और जसप्रीत
बुमराह ने अपने पहले ओवर में उस्मान ख्वाजा के चार चौके जड़ने के बाद अच्छी वापसी की. धोनी ने भी अपने तेज गेंदबाजों की तारीफ की.