
आम आदमी पार्टी के अंदर की कलह और बवाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अब हालत यह है कि पार्टी के अंदर सुलगती चिंगारी खुलकर सामने आ रही है. आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास और दिलीप पांडेय के बीच सोशल मीडिया पर तकरार दिखाई दे रही है.
दिल्ली के पूर्व प्रभारी दिलीप पांडेय ने कुमार विश्वास पर सवाल खड़े कर दिए. पांडेय ने ट्विटर पर लिखा, "भैया, आप कांग्रेसियों को खूब गाली देते हो, पर कहते हो कि राजस्थान में वसुंधरा के खिलाफ नहीं बोलेंगे? ऐसा क्यों?"
दरअसल, कुमार विश्वास ने 10 जून को राजस्थान यूनिट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में कुमार ने कहा था कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी अपने मूल सिद्धांतों पर लौटेगी. कुमार ने अपने पदाधिकारियों से बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत किसी नेता पर निजी टिप्पणियां नहीं करने के निर्देश दिए थे. कुमार ने अपने नेताओं को निजी टिप्पणियों के बजाय मुद्दों पर केंद्रित प्रचार करने की नसीहत दी थी. बीजेपी नेताओं के प्रति कुमार के इस नरम रुख पर दिलीप पांडेय ने सवाल खड़े कर दिए.
दिलीप पांडेय
ने ट्वीट के बाद आजतक से बातचीत में कहा कि कुमार विश्वास पथप्रदर्शक हैं.
आम आदमी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलती आई है.
लेकिन कुमार विश्वास का ये संदेश देना कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ नहीं
बोलना है, कार्यकर्ताओ में संशय पैदा करता है. पांडेय ने कहा कि कुमार विश्वास से कोई
मतभेद और मनमुटाव नहीं और न ही उन पर कोई आरोप है. ये सिर्फ कार्यकर्ताओं में दुविधा
है, जिसे कुमार विश्वास को दूर करना चाहिए. पांडेय ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी खेले तो क्रिकेट, कांग्रेस खेले तो गुल्ली डंडा, ऐसा नहीं चलेगा.
पांडेय के इस बयान से जाहिर होता है कि कुमार विश्वास को लेकर आम आदमी पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इससे पहले अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें पार्टी से सस्पेंड भी किया गया. ऐसे में अब दिलीप पांडेय का सवाल उठाना साफ इशारा कर रहा है कि पार्टी में जबरदस्त खेमेबंदी चल रही है. अमानतुल्ला खान विवाद के बाद ही कुमार विश्वास को आम आदमी पार्टी ने राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया था और हाल ही में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे. जिसके बाद कुमार विश्वास राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए थे.
विश्वास ने दिल्ली में राजस्थान के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी जिसमें दो टूक शब्दों में यह कहा था कि राजस्थान में किसी भी बड़े नेता की तस्वीर नहीं लगाई जाएगी. इशारा साफ था कि राजस्थान में अरविंद केजरीवाल की भी तस्वीर इस्तेमाल नहीं की जाएगी. इतना ही नहीं विश्वास ने राजस्थान में पार्टी यूनिट को मूल सिद्धांतों पर लौटने की बात कही थी. जिसका साफ इशारा आम आदमी पार्टी के नेतृत्व पर था. विश्वास ने नेताओं को नसीहत दी थी किसी भी नेता चाहे वह वसुंधरा राजे ही क्यों न हो, उनके खिलाफ निजी टिप्पणी नहीं की जाएगी. कुमार ने चेहरे पर केंद्रित राजनीति न करने की बात भी कही थी.
राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी लगभग डेढ़ साल का समय बाकी है. उसके पहले ही 'आप' में खुलकर कलह सामने आने लगी है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी को कुमार पर "विश्वास" नहीं है?