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मेक इन इंडिया लोगो के इस्तेमाल के लिए बने सख्त नियम

डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) ने मेक इन इंडिया के लोगो (प्रतीक चिन्ह) के इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

File Image: प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए File Image: प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) ने मेक इन इंडिया के लोगो (प्रतीक चिन्ह) के इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. यह नियम विभिन्न सरकार, अर्धसरकारी व निजी संस्थानों आदि पर लागू होंगे जो कि इस लोगो का इस्तेमाल करते हैं.

केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए नियम
इसके अनुसार लोगो व अन्य सम्बद्ध प्रोपराइटरी सामग्री डीआईपीपी की संपत्ति हैं. जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक डीआईपीपी के सभी कार्यालय और अधिकारी, केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग और राज्य सरकार के सभी विभाग उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में इस लोगो का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके लिए उन्हें डीआईपीपी से इजाजत नहीं लेनी होगी.

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इंडस्ट्री संगठनों के लिए नियम
यदि केन्द्र और राज्य सरकारें किसी इंडस्ट्री संगठन के साथ मिलकर कोई कार्यक्रम आयोजित कर रही हों तब डीआईपीपी के ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी से इसकी अनुमति लेनी होगी.

प्रकाशन और टेलीवीजन के लिए नियम
वहीं, इस लोगो का प्रकाशन, वेबसाइट और पोर्टल पर तभी इस्तेमाल किया जा सकेगा जब वह मेक इन इंडिया कार्यक्रम से संबंधित हो. वहीं कोई निजी व्यक्ति इस लोगो को तभी इस्तेमाल कर सकता है जब वह मेक इन इंडिया कार्यक्रम का प्रचार कर रहा हो. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर डीबेट और डिस्कशन के दौरान इस लोगो का इस्तेमाल करने की इजाजत उस कार्यक्रम की जरूरत के मुताबिक दी जाएगी.

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