
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को लेकर नरम पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. ईरान में अपनी ही सरकार को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए प्रदर्शनकारियों को नहीं मारने की बात कही है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इशारा किया है कि ईरान से अभी भी बातचीत के दरवाजे खोले हुए हैं. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि ट्रंप अभी भी ईरान के नेताओं के साथ बातचीत करने के इच्छुक थे.
दरअसल, ईरानी सरकार ने दावा किया है कि भूलवश उसने तेहरान में यूक्रेन के एयरलाइन को मार गिराया. जिसमें 176 लोगों की मौत हो गई. ईरान के इस कबूलनामे के बाद अब उसी के नागरिक विरोध प्रदर्शनों में सड़कों पर उतर गए हैं.
ईराक के सैन्य अड्डे पर ईरान ने किया हमला
जहां अमेरिका ईरान से बातचीत के लिए तैयार है, वहीं अब ऐसी स्थितियां बनती दिख रही हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं होने वाले हैं. ईरान ने ईराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 4 रॉकेट दागे हैं. अमेरिकी सेना का ऐसा रवैया रहा है कि कभी अटैक के बाद चुप नहीं बैठती. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव और बड़ा हो सकता है.
ईरान के खिलाफ जारी है एक्शन
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने ऐलान किया था कि नए प्रतिबंध मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ाने वाली गतिविधियों के साथ-साथ मंगलवार की मिसाइल स्ट्राइक में शामिल आठ वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों को टारगेट करेंगे.
म्नुचिन ने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरानी कपड़ा, निर्माण, विनिर्माण या खनन आदि व्यवसायों को लेकर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी करेंगे. वे इस्पात और लौह क्षेत्रों के खिलाफ अलग-अलग प्रतिबंध भी लगाएंगे.
क्या है अमेरिका-ईरान के तकरार की वजह?
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर ईरानी सेना के जनरल कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी जारी है. बीते दिनों अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद में हवाई हमला कर ईरान के टॉप कमांडर कासिम की हत्या कर दी थी, जिसके बाद तेहरान ने भी इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले के तौर पर मिसाइल स्ट्राइक की थी.