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वारदात से पहले शराब के नशे में ब्लू फिल्म देखता था ये हैवान

उम्र महज 24 साल और दरिंदगी की दास्तान इतनी लंबी कि शैतान सुने तो कांप जाए. अपने दिमागी फितूर के लिए मासूमों को मौत के घाट उतारने वाले इस हैवान को दबोचने के लिए पुलिस को एड़ी चोटी एक करनी पड़ी.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

उम्र महज 24 साल और दरिंदगी की दास्तान इतनी लंबी कि शैतान सुने तो कांप जाए. अपने दिमागी फितूर के लिए मासूमों को मौत के घाट उतारने वाले इस हैवान को दबोचने के लिए पुलिस को एड़ी चोटी एक करनी पड़ी. पुलिस इस सीरियल किलर की तलाश में जाल बिछाती रही और ये हत्यारा एक के बाद एक वारदात को अंजाम देता रहा.

आखिर अपनी एक गलती की वजह से हत्यारा पुलिस के हत्थे चढ़ा गया. पुलिस की पूछताछ में सिरफिरे ने बताया कि फिल्में देखकर उसे क्राइम करने की सूझी. 2009 में पहली बार मासूम का कत्ल करने के बाद वो कभी नहीं रूका. उसे ब्लू फिल्मे देखने का शौक था. शराब के नशे में बच्चों को निशाना बनाता. गला घोंट उनके साथ रेप कर फरार हो जाता.

बच्चों को बनाया हैवानियत का शिकार
रविंद्र नाम के इस हत्यारे ने कबूल किया है कि उसने अब तक 12 बच्चों के साथ ना सिर्फ रेप किया है, बल्कि उनकी निर्मम हत्या तक की है. 19 साल की उम्र में ही इसने हैवानियत को अंजाम देना शुरु कर दिया. इसने दिल्ली के साथ ही नोएडा, बदायूं और अलीगढ़ में भी बच्चों को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया है.

ऐसे हुआ दरिंदगी का खुलासा
दिल्ली में मौजूद रविंद्र नाम के इस दरिंदे की दरिंदगी का खुलासा तब हुआ जब दिल्ली की एक 14 साल की बच्ची मृत हालत में अपने घर के पास पाई गई. वारदात के बाद वह फरार था, लेकिन पुलिस की टीम ने उसका फोन सर्विलांस पर लगाया. 16 जुलाई को उसको ट्रेप करने के दौरान दिल्ली के सुखबीर नगर से उसकी गिरफ्तारी की गई.

अगले पेज पर क्लिक करके पढ़ें: आखिर पुलिस के हत्थे कैसे चढ़ा हत्या...{mospagebreak}

14 जुलाई को दिल्ली पुलिस को एक बच्ची के लापता होने की खबर मिली. पुलिस ने तहकीकात की तो बच्ची की लाश उसके घर से चंद कदमों की दूसरी पर एक खाली और अंधेरे मकान में मिली.

वहीं, पुलिस को सुराग के तौर पर सन्नी नाम के एक लड़के का ड्राईविंग लाइसेंस और कुछ कागजात मिले. सन्नी ने पुलिस को हैरान कर देने वाली कहानी बताई.

तीन नामों के बीच उलझी पुलिस
सन्नी ने बताया कि 13 जुलाई की रात 3 लड़कों ने उसे जलाकर मारने की कोशिश की. उसका ड्राइविंग लाइसेंस और कागजात छिन लिए. पहली बार तीन नामों का खुलासा हुआ.

पुलिस के सामने तीन गुनहगार के नाम रवींद्र, सुनील और हिमांशु थे. पर असली कौन था ये पुलिस को पता करना था. तह तक जाने के बाद पता चला कि सुनील और रवींद्र भाई हैं, हिमांशु उनका दोस्त है.

सर्विलांस पर लगाया फोन
पुलिस ने सुनील और हिमांशु पकड़े लिया, लेकिन रवींद्र फरार था. पुलिस ने रवींद्र का फोन सर्विलांस पर लगाया और 16 जुलाई को उसे सुखबीरनगर से दबोच लिया.

इसके बाद खुली रवींद्र के गुनाहों की फेहरिस्त. उसने जो गुनाह कबूला वो पुलिस के भी होश उड़ा गया. इस वहशी ने बताया कि अब तक वो 5 साल में 15 बच्चों की हत्याएं कर चुका है.

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