
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भीड़ का शिकार हुए डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की मौत से सभी चकित हैं. अयूब पंडित अब नहीं रहे. वहशी दरिंदों की भीड़ ने एक ईमानदार वतन परस्त आवाम के रखवाले की पैसे जान ले ली. शहीद अयुब के घर मातम का माहौल है. बांग्लादेश में डाक्टरी की पढ़ाई कर रही सना पंडित पापा के साथ ईद मनानेके लिए हफ्ते भर पहले ही श्रीनगर आई थी लेकिन उसे क्या पता था कि शब-ए- रात उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी रात होगी और उस रात के बात उसके पापा कभी घर नहीं लौटेंगे.
बिलख उठा परिवार
अयूब के बेटे दानिश का हाल भी कुछ ऐसा ही है, पिता की शहादत के बाद घर पर जान पहचान वालों का आना जाना लगा हुआ है. लेकिन दानिश की आंसुओं से सूखी आंखें किसी क़ो देख नहीं पा रही. अयूब पंडित के बचपन के दोस्त ज़हूर अहमद अपने दोस्त को आज भी याद करते हैं. उनका कहना है कि "बीच-बीच में उनसे मुलाकात होती रहती थी हम उनके आते-रहते थे. वो हमारे खास दोस्त थे हमने बचपन के साथी हैं. इनके घर में हम आते रहते थे साथ पढ़ाई करते थे, इकट्ठे पढ़ते थे इकट्ठे स्कूल कॉलेज हमेशा साथ जाते थे." उन्होंने कहा कि "भीड़ में क्या हुआ कोई नहीं जानता, ये तो वहशियानी हरकत थी. जो लोगों ने किया वो इंसानियत नहीं थी."
अयूब पंडित के बड़े भाई फारूक अहमद पंडित कहते हैं कि "जो हमने खो दिया वो खो दिया अब कौन लाएगा उसको? अब सिर्फ उसी के साथ बात करेंगे जो उसको वापस ला सकता है, बस और कुछ नहीं कह सकता. वो छोड़ गए हैं यहां तो सवाल ही सवाल है, उससे ही बात करूंगा जो मेरे भाई को वापस लाएगा. "
अयूब पंडित के भतीजे उमर पंडित ने गुस्से भरे लहजे में कहा कि "हैवानियत ने इंसानियत का कत्ल कर दिया. उनके चाचा डीएसपी अयूब साहब जी एक ईमानदार इंसान थे. वो एक धार्मिक स्थल पर गए थे, वहां ड्यूटी भी दी और बाहर कुछ शैतानों ने उनका कत्ल कर दिया."
अयूब पंडित की पत्नी शाहीन ने अपने पति की शहादत पर सवाल उठाने वाले अलगाववादी नेताओं पर शाहीन जमकर गुस्सा निकाला. शाहीन कहती हैं कि वो इंडियन है और उनके पति ने इस देश की आवाम के लिए शहादत दी है. शाहीन ने कहा कि क्योंकि वह अपने पति का सपना पूरा करेगी और उनकी बेटी डॉक्टर जरुर बनेगी.
आशुतोष मिश्रा