
दिल्ली की आबोहवा फ़िलहाल अति निम्न स्तर पर है, लेकिन अगर हवा में प्रदूषित कणों की मात्रा बढ़ी और प्रदूषण का स्तर इमरजेंसी स्तर तक पहुंचा तो दिल्ली ही नहीं एनसीआर में भी लागू होगा ऑड-ईवन. जी हां EPCA के मुताबिक़ अगर प्रदूषण का इमरजेंसी स्तर 48 घंटो तक बरक़रार रहा, तो दिल्ली समेत एनसीआर में ऑड ईवन लागू हो जाएगा. ये फ़ैसला शुक्रवार को हुई EPCA की बैठक में लिया गया.
इमरजेंसी के हालात होने पर दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में ऑड-ईवन लागू किया जाएगा. मेवात, दादरी, भिवाड़ी में पब्लिक ट्रांस्पोर्ट की कमी को देखते हुए, उन्हें ऑड-ईवन से बाहर रखा गया है.
EPCA ने बैठक में दिल्ली-एनसीआर के सभी परिवहन विभागों, ज़िला प्रशासन, ट्रैफ़िक पुलिस के आला अफ़सरों को पहले से इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही ये भी कहा है की कम से कम रियायत के साथ इमरजेंसी के हालात में सख़्ती से इसे लागू करना होगा.
EPCA ने कहा कि पिछली बार 8 नवंबर को दिल्ली सरकार प्रदूषण के आपातकाल के बाद भी ऑड ईवन को लागू नहीं करा पाई. भविष्य में ऐसा ना हो इसीलिए मौसम विभाग से भी कहा गया है कि क़रीब हफ़्ते भर पहले ही वायु प्रदूषण के बारे में सही पूर्वानुमान की जानकारी दी जाये. एजेन्सियों को तैयारी के लिए वक़्त मिल जाए. ऑड ईवन कब तक लागू रहेगा, ये प्रदूषण के इमरजेंसी स्तर पर निर्भर करेगा.
EPCA ने ट्रकों की एंट्री के मद्देनज़र भी सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस एनसीआर के साथ मिलकर दिल्ली के बाहर ही ऐसे चेक पॉइंट बनाए जहां इमरजेंसी के हालात में ट्रकों को डायवर्ट किया जा सके. ट्रैफ़िक के हालात ना बिगड़े और बॉर्डर पर पिछली बार की तरह ट्रक खड़े ना रहें.