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शरीफ से मुलाकात के बाद बोलीं सुषमा- भारत और पाकिस्तान समग्र वार्ता के लिए तैयार

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि अफगानिस्तान चुनौतियों का सामना कर रहा है और उसे इससे निकालना और वहां शांति व खुशहाली लाना सबके हित में है.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 10:15 PM IST

हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सेदारी करने इस्लामाबाद पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की. करीब पौने दो घंटे चली इस बैठक के बाद सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और पाकिस्तान समग्र वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं.

साझा बयान देने से पहले विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की शुरुआत हो गई है. समग्र वार्ता को कैसे आगे बढ़ाना है इसको लेकर दोनों देशों के विदेश सचिव बैठकर कार्यक्रम तैयार करेंगे. कुछ और चीजों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है. सम्मेलन से इतर आयोजित इस बैठक में पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज भी मौजूद रहे.

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सुषमा स्वराज ने कहा कि वह गुरुवार को भारतीय संसद में इस मुद्दे और पाकिस्तान दौरे पर अपना बयान देंगी.

भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के लिहाज से इस बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी बीच स्वराज ने यह भी बयान दिया कि अगले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पाकिस्तान का दौरा करेंगे. जबकि विदेश मंत्री के इस्लामाबाद दौरे के बीच भारत-पाक क्रिकेट श्रृंखला को हरी झंडी मिलने की भी उम्मीद है.

इससे पहले कॉन्फ्रेंस को संबोधि‍त करते हुए सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अफगानिस्तान को हर तरह से सहयोग के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान चुनौतियों का सामना कर रहा है और उसे इससे निकालना और वहां शांति व खुशहाली लाना सबके हित में है.'

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आतंकवाद का मुद्दा उठाया
आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को लगातार आतंकवाद से जूझना पड़ा है. अफगान के सुरक्षाबलों ने इस पर काफी काबू पाया. उनके प्रयास को हम सलाम करते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान को भारत के बाजारों में जमीनी रास्ते से पहुंचने का अवसर मिलने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता.

अफगानिस्तान से रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश
सुषमा स्वराज ने कहा, 'हार्ट ऑफ एशिया को लेकर भारत का विजन हमेशा से साफ रहा है. भारत हमेशा से साझा व्यापार, ऊर्जा और संचार के रास्ते अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है. हम अफगानिस्तान में शांति बनाए रखने के लिए वहां की सरकार के प्रयासों और वहां के सुरक्षा बलों के काम की सराहना करते हैं.'

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्ताव के साथ व्यापार और कॉमर्स के क्षेत्र में हाथ मिलाएगा.

ये है हार्ट ऑफ एशिया का उद्देश्य
हार्ट ऑफ एशिया प्रक्रिया 2011 में अफगानिस्तान और तुर्की की पहल पर गठित हुई थी. इस साल हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में कुल 14 देश शामिल हो रहे हैं. प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थायित्व और साथ ही प्रगति और विकास को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क को बढ़ाना है.

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