
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में रविवार रात रूस पहुंच गईं. सुषमा इस दौरान रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेंगी.
आरआईसी की बैठक में शिरकत करने के अलावा सुषमा मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात कर सकती हैं.
चीन से मसूद अजहर पर बात की संभावना
आरआईसी के इतर सुषमा अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात कर सकती हैं, जिस दौरान वह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित करवाने के भारत के प्रयास को चीन की तरफ से रोके जाने के मुद्दे को उठा सकती हैं.
इससे पहले ईरान में उन्होंने राष्ट्रपति हसन रूहानी सहित कई शीर्ष ईरानी नेताओं से मुलाकात की. रूहानी ने सुषमा को आश्वासन दिया कि भारत की ऊर्जा जरूरतों में ईरान ‘विश्वसनीय भागीदार’ बन सकता है.
PM की अरब यात्रा के बाद सुषमा का ईरान दौरा
सुषमा की यात्रा को भारत द्वारा एक संतुलन बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि करीब दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा की थी. सऊदी अरब एक अन्य पश्चिम एशियाई शक्ति है, जो ईरान को अपना प्रतिद्वंद्वी मानता है.
तेल आयात बढ़ाने की कोशिश
भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ईरान एक महत्वपूर्ण देश है. इसके साथ ही समृद्ध मध्य एशियाई देशों तक पहुंच बनाने के लिए भी ईरान महत्वपूर्ण है. भारत ईरान से करीब 1.2 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात करता है और वह उससे तेल आयात बढ़ाना चाहता है.