
अगर आप पूर्वी दिल्ली में रहते हैं और सड़क पर कूड़ा फेंकना अपनी शान समझते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि अब ऐसा करना आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम अब डीएमसी एक्ट में निहित उसकी शक्तियों का इस्तेमाल कर कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ सख्ती दिखा सकता है.
दिल्ली में कूड़ा उठाना एमसीडी के क्षेत्राधिकार में आता है. लेकिन पिछले 11 सालों से निगम की सत्ता में काबिज बीजेपी इस मामले में फ्लॉप साबित होती दिखी है. अब बीजेपी शासित ईस्ट एमसीडी ने इस समस्या के लिए खुद को पाक साफ दिखाते हुए कूड़े फैलाने वालों पर ही उंगली खड़ी कर दी है.
निगम ने फैसला किया है कि कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का जो अधिकार उसके पास है उसका अब सख्ती से पालन किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कूड़ा फेंकने वालों को जेल भी भेजा जा सकता है.
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक निगम के पास ये अधिकार डीएमसी एक्ट में पहले से हैं लेकिन अब लॉ अफसर ने कोर्ट से बार-बार मिलती डायरेक्शन के बाद सब अधिकारियों को सर्कुलर भेजा है कि वो इसका सख्ती से पालन करवाएं.
आपको बता दें कि अब यदि कोई दिल्ली में कूड़ा फेंकता पकड़ा गया तो सेक्शन 188 और CRPC की धारा 133 के तहत 1 से 6 महीने की जेल या 1000 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है. इसके अलावा सेक्शन 270 के तहत यदि कोई व्यक्ति गंदगी करते पाया जाता है जिससे इंफेक्शन फैल सकता है या इंसानों की जान को खतरा हो सकता है तो उसे 2 साल तक की सजा या फिर जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. अब निगम के उस फैसले पर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि जिनके ऊपर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी है उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती?
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि बड़ी समस्या ये है कि कूड़ेदान से कूड़ा साफ नहीं होता है और ना ही झाडू लगाई जाती है. कूड़ा फेंकने वालों को आप भले जेल में डालिए लेकिन उन अधिकारियों का क्या जो काम नहीं करते लेकिन 10 सालों से सैलरी मिल रही है?
साफ है 10 सालों तक सत्ता सुख भोगने के बाद एंटी इनकंबेंसी को मात देते हुए तीसरी बार पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव जीतने वाली बीजेपी अब दिल्ली को साफ सुथरा तो दिखाना चाहती है लेकिन उसका ये तरीका शायद दिल्ली वालों के गले ना उतरे.