
देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को ज़्यादा स्वायत्त और समर्थ बनाने के सिलसिले में मोदी सरकार नया दांव, अब यूजीसी पर चलेगा. नीति आयोग की सिफारिश और सरकार की सुधार नीति को देखते हुए अब संकेत मिलने लग गए हैं. जल्द ही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को भी ज़्यादा स्वायत्तता दी जाएगी लेकिन उससे पहले इन दोनो संस्थाओं का कायाकल्प होगा.
मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो दोनों संस्थाओं का मौजूदा स्वरूप खत्म हो जाएगा. ऐसे ही कुछ और संस्थानों को मिलाकर ज़्यादा स्वायत्त एक साझा संस्थान बनाने पर भी विचार चल रहा है. इसी सिलसिले में सरकार ने उच्च , तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों की ग्रेडिंग भी करनी शुरू कर दी है. ये तीसरा साल है जब देश के iit, iim, तकनीकी संस्थान, कॉलेज को कई मानदंडों पर कसते हुए ग्रेड दिए हैं.
मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा भी की संस्थानों को स्वायत्तता का आधार उनका बेहतरीन प्रदर्शन भी होगा. इसके अलावा संस्थान का बेहतर मैनेजमेंट भी उसे ज़्यादा स्वायत्तता दिलाएगा. सरकार को ये भरोसा हो जाये कि अब संस्थान स्वायत्तता का इस्तेमाल बेहतर विकास और नई पीढ़ी के लिए करने में सक्षम है. उत्तम व्यवस्थापन और बेहतरीन नतीजे का ग्राफ जितना ऊंचा जाएगा स्वायत्तता का दायरा भी उतना ही बड़ा होगा. इसी क्रम में सरकार ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले IIT और IIM को नए प्रावधानों के तहत ज़्यादा स्वायत्त बनाया है.जल्द ही होंगे बदलाव
सूत्रों के मुताबिक यूजीसी और aicte के साथ कुछ और संस्थानों का कायाकल्प जल्दी ही होगा. ताकि 2018-19 के अगले शिक्षण सत्र से ज़्यादा सरल और प्रभावी ढंग से दाखिले, शिक्षण और कॉलेजों और शिक्षकों का स्तर ऊंचा उठ सके. इन सुधारों का अंतिम लक्ष्य देश के शिक्षण संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाना है.