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यूपी में पांचवें चरण के लिए थमा चुनाव प्रचार, राहुल-अखिलेश की होगी असली परीक्षा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार शनिवार शाम थम गया. इस दौर में 27 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिन 51 विधानसभा सीटों पर नेताओं की किस्मत का फैसला होगा, उसमें सबसे अहम राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र अमेठी है.

इस चरण की 80 फीसदी सीटों पर पिछले चुनाव में महागठबंधन ने कब्जा किया था इस चरण की 80 फीसदी सीटों पर पिछले चुनाव में महागठबंधन ने कब्जा किया था
बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 25 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार शनिवार शाम थम गया. इस दौर में 27 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिन 51 विधानसभा सीटों पर नेताओं की किस्मत का फैसला होगा, उसमें सबसे अहम राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र अमेठी है.

बता दें कि इस चरण में पूर्वांचल के 11 जिलों की 52 सीटों पर मतदान होना था, लेकिन अंबेडकर नगर जिले की आलापुर सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चंद्रशेखर कश्यप की मौत के बाद यहां चुनाव टाल दिया गया. अब इस सीट पर 9 मार्च को वोटिंग होगी और सपा ने यहां से अब कश्यप की पत्नी संगीता को उम्मीदवार बनाया है.

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यह चरण सपा और कांग्रेस गठंबधन के लिए अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि 2012 के विधानसभा चुनाव में इनमें से करीब 80 फीसदी इन्हीं दोनों पार्टियों ने जीती थी. पिछली बार सपा के खाते में क्षेत्र की 37 सीटें गई थीं, तो वहीं भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें हासिल हुई थीं.

वाद विवाद से भर तीखे चुनाव प्रचार में नेताओं ने यूपी जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रखी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां बस्ती, बहराइच और गोंडा में तीन चुनावी रैलियां की, तो वहीं राहुल गांधी , अखिलेश यादव और मायावती ने भी इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार किया और उन्हें जीताने की अपील की.

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के बावजूद अमेठी और गौरीगंज की सीट पर दोनों पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. यहां सबसे दिलचस्प मुकाबला अमेठी सीट पर ही हो रहा है, जहां सपा सरकार के विवादित मंत्री गायत्री प्रजापति का मुकाबला कांग्रेस नेता संजय सिंह की दोनों पत्नियों गरिमा सिंह और अमिता सिंह से होगा. गरिमा सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है तो अमिता सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. इससे यहां ‘रानी बनाम रानी’ मुकाबला हो गया है.

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इस चरण में यूपी विधानसभा के अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे, बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, बीएसपी के वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा, पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अयूब और समाजवादी पार्टी के मंत्री शंखलाल मांझी जैसे दिग्गजों की किस्मत भी दांव पर लगी.

यूपी चुनाव के इस चरण में कुल 608 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला 1.84 करोड़ मतदाता 27 फरवरी को मतदान के दिन करेंगे.

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