
चुनाव आयोग ने ईवीएम पर उठे विवाद को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी कर ली है. शनिवार को चुनाव आयोग एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने वाला है जिसमें वह पहले ईवीएम और वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल कर दिखाया जाएगा कि वोटिंग की प्रक्रिया पूरी तरह सेफ है और इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. इसके अलावा वह 'ईवीएम चैलेंज' की तारीख भी घोषित कर सकता है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली विधानसभा में ईवीएम हैकिंग का डेमो दिखाने के बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई थी.
आम आदमी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस लगातार आरोप लगा रहे हैं कि विधानसभा चुनावों और एमसीडी चुनावों में ईवीएम में छेड़छाड़ कर बीजेपी ने जीत हासिल की है. राजनीतिक दलों का आरोप है कि हैक की गई ईवीएम मशीनों में चाहे किसी भी पार्टी को वोट दिया जाए वो जाता बीजेपी के खाते में ही है. आपको याद दिला दें कि चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी और ईवीएम के अलावा कुछ और मुद्दों पर चर्चा भी की थी.
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि 2019 का लोक सभा चुनाव अत्याधुनिक ईवीएम मशीनों से होगा जिनमें वीवीपैट की सुविधा होगी. वीवीपैट ईवीएम में वोट देने के साथ ही एक कागज की पर्ची निकलती है जिस पर वोटर देख सकता है कि उसका वोट किस पार्टी को गया. वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची कुछ देर बाद उसके साथ लगे डिब्बे में गिर जाती है. गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में कुछ मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट ईवीएम मशीन का इस्तेमाल हुआ था. चुनाव आयोग के मुताबिक 2019 तक सारी ईवीएम मशीनें वीवीपैट से लैस होंगी.