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1 मार्च से बिकेंगे चुनावी बॉन्ड, इन 4 शहरों के SBI ब्रांच से खरीदें

केन्द्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 का नोटिफिकेशन 2 जनवरी 2018 को जारी कर दिया था. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक केन्द्र सरकार ने किसी भारतीय नागरिक अथवा भारत में रहने वाला व्यक्ति राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने के लिए चंदा देने की जगह इस बॉन्ड को खरीद सकता है.

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राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

केन्द्र सरकार ने हाल में लॉन्च इलोक्टोरल बॉन्ड स्कीम के तहत पहली बार चुनावी बॉन्ड बेचने की तारीख तय कर दी है. केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक किसी राजनीतिक दल को चन्दा देने के लिए अब आम आदमी इलेक्टोरल बॉन्ड को 1 मार्च 2018 से 10 मार्च 2018 तक खरीद सकता है.

वित्त मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल राजनीतिक दलों की फंडिंग के लिए इन बॉन्ड को बेचने का काम देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दिया गया है. देश के चार प्रमुख शहर नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई स्थित SBI की शाखाओं पर इस बॉन्ड को खरीदा जा सकता है. पहले केन्द्र सरकार इस बॉन्ड की बिक्री जनवरी में शूरू करना चाहती थी लेकिन अब 2018 की पहली तिमाही के लिए चुनावी बॉन्ड की बिक्री मार्च 2018 में कर रही है.

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गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 का नोटिफिकेशन 2 जनवरी 2018 को जारी कर दिया था. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक केन्द्र सरकार ने किसी भारतीय नागरिक अथवा भारत में रहने वाला व्यक्ति राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने के लिए चंदा देने की जगह इस बॉन्ड को खरीद सकता है.

इसे पढ़ें: इलेक्टोरल बॉन्ड से सरकार छिपा रही सियासी दलों का काला धन?

केन्द्र सरकार के नियम के मुताबिक महज वह राजनीतिक दल जो रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट 1951 के सेक्शन 29 ए के तहत रजिस्टर्ड हैं ही इस इलेक्टोरल बॉन्ड को प्राप्त कर सकती है. हालांकि इलेक्टोरल बॉन्ड के लिए वही राजनीतिक दल योग्य होंगे जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव अथवा किसी राज्य के विधानसभा चुनाव में कम से कम कुल वोट का एक फीसदी वोट मिला हो.

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वहीं चंदे के तौर पर राजनीतिक दलों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड को यदि उसे भुनाना है तो वह उन्हें इन शहरों के स्टेट बैंकों में अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करना होगा. वहीं राजनीतिक दलों के चंदे पर लगाम लगाने के लिए लाए गए इन इलेक्टोरल बॉन्ड को कोई व्यक्ति अकेले अथवा अन्य व्यक्तियों के साथ सम्मिलित होकर खरीद सकता है.

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केन्द्र सरकार के नियम के मुताबिक इन इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता जारी करने की तारीख से महज 15 दिन तक रहेगी. लिहाजा कोई राजनीतिक दल यदि इलेक्टोरल बॉन्ड को 15 दिन के बाद जमा कराती है तो उसे अवैध मानते हुए कोई भुगतान नहीं किया जाएगा. वहीं स्कीम की खास बात यह भी है कि कोई राजनीतिक दल जिस दिन इलेक्टोरल बॉन्ड को अपने बैंक अकाउंट के तहत बैंक के सामने पेश करती है उसे भुगतान उसी दिन कर दिया जाएगा.

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