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CPM पोलित ब्यूरो की मीटिंग में उठा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ पर सवाल

कांग्रेस के साथ करीबी का विरोध कर रहे सीपीएम नेताओं का कहना है कि लेफ्ट और कांग्रेस के बीच विचारधारा का बुनियादी अंतर है, जिसकी वजह से चुनावी तालमेल करना ठीक नहीं था. जहां कांग्रेस को उस गठजोड़ से कुछ फायदा हुआ, वहीं सीपीएम की सीटें काफी कम हो गईं.

सीताराम येचुरी सीताराम येचुरी
सुरभि गुप्ता/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2016,
  • अपडेटेड 4:31 AM IST

केरल विधान सभा चुनाव में जीत और बंगाल के साथ तमिलनाडु में मिली करारी हार के बाद सीपीएम की दो दिन की पोलित ब्यूरो मीटिंग सोमवार को खत्म हुई, जिसमें बंगाल में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने को लेकर कुछ लोगों ने सवाल उठाया.

पोलित ब्यूरो की मीटिंग में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ जाना पार्टी लाइन के साथ मेल नहीं खाता. पार्टी द्वारा हाल ही में हुए चुनाव की विस्तृत चर्चा 18 से 20 जून को होने वाली सेंट्रल कमेटी की मीटिंग में होगी.

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सीताराम येचुरी को ठहराया जिम्मेदार
पोलित ब्यूरो के कुछ सदस्य बंगाल में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति से काफी नाराज हैं. सूत्रों के मुताबिक पोलित ब्यूरो के कुछ सदस्य कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति के लिए मुख्य रूप से सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जो नेता कांग्रेस से हाथ मिलाने के खिलाफ थे, उनमें पूर्व महासचिव प्रकाश करात, वृंदा करात, सुभाषिनी अली, एसआर पिल्लई शामिल हैं.

ममता के खिलाफ था कांग्रेस का साथ
वहीं सीताराम येचुरी के साथ बंगाल के कुछ नेता शामिल हैं, जिनमें पोलित ब्यूरो सदस्य विमान बोस, मोहम्मद सलीम और सूर्यकांत मिश्रा हैं. येचुरी खेमे का कहना है कि कांग्रेस के साथ बंगाल में कोई चुनावी गठजोड़ नहीं था. ममता बनर्जी के खिलाफ एक आपसी समझदारी थी.

लेफ्ट और कांग्रेस के बीच विचारधारा का अंतर
कांग्रेस के साथ करीबी का विरोध कर रहे नेताओं का कहना है कि लेफ्ट और कांग्रेस के बीच विचारधारा का बुनियादी अंतर है, जिसकी वजह से चुनावी तालमेल करना ठीक नहीं था. जहां कांग्रेस को उस गठजोड़ से कुछ फायदा हुआ, वहीं सीपीएम की सीटें काफी कम हो गईं.

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मोदी सरकार के दो साल की आलोचना
पोलित ब्यूरो की बैठक में मोदी के 2 साल की सरकार को लेकर आलोचना की गई और कहा गया कि सूखे के चलते देश के 12 राज्य प्रभावित हैं और ये सरकार कुछ नहीं रही है. इसके साथ दिल्ली में अफ्रीका के लोगों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए बैठक में कहा गया कि केंद्र इस पर कड़ी कार्रवाई करे.

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