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भारतीयों की रोजगार क्षमता में बीते 4 वर्षों के भीतर वृद्धि दर्ज की गई है. इंडिया स्किल्स द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट में साल 2014 के दौरान यह आंकड़ा 33.9 फीसदी था और अब यह बढ़कर 40.4 फीसदी हो गया है. साल 2014 में जारी सर्वे को देखें तो साल 2015 में जहां यह आंकड़े 37.2 फीसदी थे वहीं साल 2016 में यह 38.1 फीसदी हो गए.
इन आंकड़ों का आकलन यदि लैंगिक स्तर पर किया जाए तो महिलाओं की रोजगार क्षमता पुरुषों से बेहतर है. इस सर्वे से जाहिर होता है कि 41 फीसदी महिलाएं नौकरियां पा सकती हैं वहीं पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 40 फीसदी है.
कौन-कौन से राज्य हैं आगे?
महाराष्ट्र रोजगार देने के मामले में अव्वल राज्य है. उसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का नंबर आता है. बंगलुरु और पुणे रोजगार के मामले में सबसे पसंदीदा जगह हैं.
यह सर्वे पीपल स्ट्रॉन्ग, कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री, लिंक्डइन, यूएनडीपी, व्हीबॉक्स, असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन का सहयोगात्मक प्रयास है.
रोजगार क्षमता को जांचने के लिए देश भर के 29 राज्यों और सात यूनियन टेरिटरी के 3000 कैंपसों में बीते 15 जुलाई और 30 अक्टूबर के बीच टेस्ट हुए. लगभग 5.2 लाख लोगों ने टेस्ट दिए. इन्हें अंग्रेजी, मैथ्स, एप्टिट्यूड, क्रिटिकल थिंकिंग, इंटरपर्सनल स्किल, अनुकूलन और डोमेन स्किल जैसे सात मानकों पर परखा गया.
देश भर से अलग-अलग विधाओं जैसे इंजीनियरिंग, बिजनेस, एडमिनिस्ट्रेशन, ह्यूमैनिटी और आईटीआई की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स ने परीक्षाएं दीं. इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे छात्र इन परीक्षाओं में जहां अव्वल रहे वहीं पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रे छात्र सबसे पीछे रहे.
इस पूरे मसले पर व्हीबॉक्स के सीईओ निर्मल सिंह कहते हैं कि इकोनॉमी की मजबूती की वजह से काबिलियत पर जोर है. इस वजह से रोजगार क्षमता में इजाफा हो रहा है. हालांकि वे अभी और काफी काम किए जाने की बात कहते हैं.
सर्वे की मानें तो पिछले वर्षों में नौकरियां देने की रफ्तार समानुपात में बढ़ी है. इसे 7-10 फीसदी की औसत बढ़त कह सकते हैं. वे कहते हैं कि हायर किए जाने की रफ्तार साल 2017 में भी बरकरार रहने की संभावना है. इसमें इंजीनियर्स सबसे अधिक डिमांड में होंगे.