
एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल की संपत्ति की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की. नासिक जिले में भुजबल के कई ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की गई. भुजबल और उनके परिजनों के खिलाफ महाराष्ट्र सदन स्कैम, मनी लॉन्ड्रिंग और कई अन्य घोटालों में आरोप हैं. इन घोटालों में करीब 900 से लेकर 1100 करोड़ तक के भ्रष्टाचार का अनुमान है.
कोर्ट ने ईडी से मांगी थी कार्रवाई की रिपोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 28 जनवरी को भुजबल और उनके परिजनों के खिलाफ जांच पर महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और ईडी से चार हफ्तों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था. इसके बाद ईडी ने सोमवार को भुजबल के भतीजे समीर को गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही भुजबल समेत उनके परिजनों से जुड़ी 8 जगहों पर भी छापेमारी की थी. एजेंसी की मुंबई जोनल इकाई के 20 अधिकारियों का एक दल यह अभियान चला रहा है.
तेज हुई सियासत
छापे और गिरफ्तारी के बाद छगन भुजबल ने कहा था कि राज्य की भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार उनसे बदला लेने के लिए राजनीति कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़ी जाति का होने की वजह से उनके परिवार पर निशाना साधा जा रहा है. सोमवार को ही एनसीपी प्रमुख ने शरद पवार भी भुजबल का बचाव किया. उन्होंने कहा था कि भुजबल परिवार को राजनीतिक बदले के लिए निशाना बनाया जा रहा है.