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पश्चिम बंगाल में ट्रेन से कटकर मरे हाथियों पर पर्यावरण मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

देश के कई हिस्सों में रेलवे लाइन रिजर्व फॉरेस्ट के इलाकों से होकर निकलती हैं. ऐसे में हाथियों की आवाजाही के कई रास्ते इन पटरियों के बीच होकर जाते हैं. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में चलने वाली तकरीबन 24 फीसदी ट्रेने वाइल्डलाइफ वाले इलाकों से होकर गुजरती हैं.

पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे
सना जैदी/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने पश्चिम बंगाल के विष्णुपुर क्षेत्र में 26 अगस्त को रेलवे ट्रैक पर रेलगाड़ी से टकराकर मारे गए तीन हाथियों के सिलसिले में रिपोर्ट मांगी है. दवे ने सभी संबंधित स्थानीय अधिकारियों से ट्रेन से हुई हाथियों की मौत की दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कहा है.

वाइल्ड लाइफ वाले इलाकों से होकर गुजरती हैं ट्रेन
पर्यावरण मंत्री ने पश्चिम बंगाल के वन विभाग अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया है कि वह इस मामले में रेल अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करें और हाथियों के संरक्षण की दिशा में उचित उपाय अपनाएं. देश के कई हिस्सों में रेलवे लाइन रिजर्व फॉरेस्ट के इलाकों से होकर निकलती हैं. ऐसे में हाथियों की आवाजाही के कई रास्ते इन पटरियों के बीच होकर जाते हैं. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में चलने वाली तकरीबन 24 फीसदी ट्रेने वाइल्डलाइफ वाले इलाकों से होकर गुजरती हैं.

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पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी और अलीपुरद्वार से निकलने वाली रेललाइन पर अक्सर हाथी आ जाते हैं. हाथियों की खासियत ये है कि इनमें सामाजिक ताना-बाना काफी मजबूत है. ये बच्चों का ख्याल बहुत मुस्तैदी से करते हैं. रात में जब ट्रेनें इस इलाके से होकर गुजरती हैं तो गाड़ियों की लाइट में हाथी भ्रमित हो जाते हैं. ऐसे में कोई हाथी का बच्चा पटरियों के बीच में आ गया तो हाथी उसे बचाने की कोशिश में मारे जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2013 और 2014 ने घने जंगलों से होकर गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड कम रखने और रात में रिजर्व फॉरेस्ट में ट्रेनों की आवाजाही बिल्कुल कम रखने के निर्देश जारी किए थे. रेलवे इस समस्या के निदान के लिए वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट से भी राय मशविरा कर रही है.

राज्य वन विभाग अधिकारी रेलवे अधिकारियों को करेंगे अलर्ट
पर्यावरण मंत्रालय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और अन्य हाथी वाले क्षेत्रों से संबंधित राज्यों के साथ पूर्व-मध्य में हाथियों के संरक्षण के लिए एक क्षेत्रीय भू-परिदृश्य योजना तैयार करने की पहल कर चुका है. पश्चिम बंगाल वन विभाग ने भी दक्षिण बंगाल में मानव-हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए एक तीन वर्षीय कार्ययोजना तैयार की है. राज्य वन विभाग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलपटरियों के निकट हाथियों की आवाजाही पर रेलवे अधिकारियों को एसएमएस के माध्यम से अलर्ट भेजेगा. राज्य वन विभाग अधिकारी ने भी पश्चिम बंगाल के विष्णुपुर क्षेत्र में हुई रेल दुर्घटना के मद्देनजर रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की.

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