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जानवरों को मारने से रोकने के लिए जनहित याचिका पर दिल्ली HC ने केंद्र को भेजा नोटिस

कई राज्यों में फसलों की सुरक्षा के नाम पर नील गाय, जंगली सूअर, हाथी और बंदरों को मारने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

जानवरों की हत्या पर लगाम जरूरी जानवरों की हत्या पर लगाम जरूरी
सबा नाज़/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

कई राज्यों में फसलों की सुरक्षा के नाम पर नील गाय, जंगली सूअर, हाथी और बंदरों को मारने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा है. हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को याचिका में उठाए गए सवालों पर अपना जवाब देने के लिए 19 अगस्त की तारीख दी है.

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याचिकाकर्ता के मुताबिक पिछले कुछ वक्त से कई मंत्रालय राज्य सरकारों को फसलों को बचाने के नाम पर नील गाय, जंगली सूअर, हाथी और बंदरों को मारने की इजाजत दे चुके हैं. पिछले छह महीने में ही बिहार में 500 से ज्यादा नील गायों को मारा जा चुका है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में बंदरों को, उत्तराखंड में जंगरी सूअर, पश्चिम बंगाल में 100 से ज्यादा जंगली हाथियों का मारा जा चुका है. जबकि राज्य सरकार ने उन्हें किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था.

याचिका में दावा किया गया है कि राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में ही करीब पांच लाख नील गाय हैं. तय कानून में इन जानवरों के संरक्षण का प्रावधान है लेकिन फसलों की सुरक्षा के नाम पर इन्हें मारा जा रहा है. यह सरासर तय कानून का उल्लंघन और जानवरों के प्रति क्रूरता है. जानवरों को फसलों से दूर रखने के लिए डिवाइस बने हुए हैं ऐसे में उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए. वही डिवाइस किसानों को दिए जाने चाहिए ताकि जानवरों की हत्या पर लगाम लगाई जा सके.

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