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EPFO ने की शेयर बाजार में एंट्री, नए साल में मिलेंगे कई फायदे

ईपीएफओ ने साल 2016 में छह लाख करोड़ रुपये के रिटायरमेंट कोष से ज्यादा से ज्यादा रिटर्न हासिल करने की योजना बनाई है. इसके अलावा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के मामले में भी ईपीएफओ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाने वाला है.

ईपीएफओ ने उठाया बड़ा कदम ईपीएफओ ने उठाया बड़ा कदम
स्वाति गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) साल 2016 में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के मामले में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाने के अलावा अपने छह लाख करोड़ रुपये के रिटायरमेंट कोष से अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने की योजना में लगा है.

पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा
ईपीएफओ का मुख्य ध्यान अपने छह करोड़ अंशधारकों की सेवा में सुधार करना है. इसके तहत पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराना तथा उसकी सभी पेशकशों पर स्मार्टफोन के जरिए तत्काल पहुंच की सुविधा शामिल है.

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ईपीएफओ बढ़ा सकता है ब्याज दर
ऐसी भी उम्मीदें हैं कि ईपीएफओ अंशदाताओं को देय ब्याज दर बढ़ा सकता है, जो 2013-14 से 8.75 प्रतिशत पर बनी हुई हैं. अपने कोष पर अधिक रिटर्न हासिल करने के लिए ईपीएफओ ने वर्ष 2016 में एक छोटे कदम के साथ शेयर बाजार में भी प्रवेश किया है. उसने अपने कोष का एक छोटा हिस्सा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश करना शुरू किया है.

गैर-सरकारी कोषों में निवेश
इसके पहले वित्त मंत्रालय ने गैर-सरकारी भविष्य निधि कोषों के लिए निवेश के तरीके को अधिसूचित किया है. इसके तहत उन्हें अपने कोष का न्यूनतम पांच प्रतिशत व अधिकतम 15 प्रतिशत शेयर या शेयर आधारित योजनाओं में निवेश करने की अनुमति दी गई है.

1 महीने में अपनाया निवेश का नया तरीका
सरकार के इस कदम के बाद तेजी से आगे बढ़ते हुए ईपीएफओ के ट्रस्टियों ने निवेश के इस तरीके को एक माह के भीतर ही ट्रेड यूनियनों के कड़े विरोध के बावजूद अपना लिया. उसने चालू वित्त वर्ष में अपनी बढ़ती हुई जमा का पांच प्रतिशत ईटीएफ में लगाने का फैसला किया. वित्त वर्ष 2015-16 में ईपीएफओ की बढ़ी जमा राशि करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये रहेगी. इसमें से वह 6,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकता है. ईपीएफओ ने 30 नवंबर तक 3,174 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

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कई नई सेवाएं शुरू
सेवाओं के मोर्चे पर ईपीएफओ ने इस साल कई नई सेवाएं शुरू की हैं. इनमें ऑनलाइन हेल्पडेस्क की सुविधा भी शामिल है. इसके जरिए सदस्य अपने पुराने व परिचालन बंद पीएफ खातों का पता लगा सकते हैं . अगर पीएफ खातों में लगातार 36 महीने तक योगदान न किया जाए, तो यह बंद हो जाता है और ईपीएफओ इन खातों में ब्याज डालना बंद कर देता है. हालांकि, खाताधारक इन खातों के स्थानांतरण या निपटान के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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