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एस्सार फोन टैपिंग मामले में दिल्ली हाई काेर्ट में फैसला सुरक्षित

सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से ASG संजय जैन ने कहा कि ये शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में आई और इसके प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए है. दिल्ली पुलिस से भी जांच करने को कहा गया है.

दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही है सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही है सुनवाई
स्‍वपनल सोनल/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

एस्सार फोन टैपिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल ने याचिका दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में मामले की एसआईटी जांच की मांग की है. आरोप है कि कंपनी द्वारा 2001 से 2006 तक पीएमओ के अधि‍कारियों समेत कई मंत्रियों और कारोबारियों की अवैध फोन टैपिंग की गई.

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सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से ASG संजय जैन ने कहा कि ये शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में आई और इसके प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए है. दिल्ली पुलिस से भी जांच करने को कहा गया है. सुरेन उप्पल ने अपनी याचिका में एस्सार कंपनी के उच्च अधिकारियों, केंद्र सरकार, सीबीआई और एस्सार के पूर्व अधि‍कारी बासित खान को पक्ष बनाया है.

पीएमओ ने गृह मंत्रालय को दिए निर्देश
इससे पहले एस्सार कंपनी द्वारा कथित तौर फोन टैप मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ ने सख्त रुख अपनाया है. पीएमओ ने पूरे मामले में गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब करते हुए जांच और कार्रवाई का निर्देश दिए हैं.

गौरतलब है कि उप्पल ने एक जून को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों का फोन टैप किए जाने की शिकायत की थी. उनका दावा है कि एस्सार के पूर्व अधिकारी बासित खान ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी थी.

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