
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही पुलिस को हाईटेक बनाने की बात करते हों लेकिन उन्ही के गृह जनपद में पुलिस की पोल खुल गयी. पुलिस ड्रिल के दौरान पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने कई फायर मिस किए तो मिर्ची बम के धमाके के साथ ही सारा पुलिस अमला मैदान छोड़कर भाग खड़ा हुआ.
सूबे के पुलिस मुखिया ने फरमाना जारी किया था कि सभी जिलों में पुलिस ड्रिल की जाए. दंगा नियंत्रण और हथियार चलाने का अभ्यास भी किया जाए. डीजीपी के आदेश का पालन करते हुए शुक्रवार की सुबह इटावा पुलिस लाईन में ड्रिल आयोजित की गई. ड्रिल की कमान खुद एसएसपी मंजिल सैनी संभाल रही थी.
जब फायरिंग के अभ्यास की बारी आई तो जिले के कई थानेदारों ने फिल्मी अंदाज में पिस्टल हाथों में थाम ली मगर निशाना नहीं लगा पाए. कई दरोगा तो ऐसे निकले जो एक भी फायर नहीं कर सके. यही नहीं जब आंसु गैस के गोले दागने की बात आई तो पुलिसकर्मियों ने गोले गलत जगहों पर दाग दिए. कई पुलिसकर्मियों ने मिस फायर किए.
सबसे ज्यादा रोचक रहा मिर्ची बम चलाने का अभ्यास. इस दौरान जो कुछ हुआ वो शर्मनाक भी था और हैरान करने वाला भी. जैसे ही मैदान में मिर्ची बम दागा गया पुलिसकर्मियों के बीच अफरा तफरी मच गई. सारे पुलिस वाले इधर उधर दौड़ने लगे. देखते ही देखते सब मैदान से बाहर भागने लगे.
कुछ ही देर में ड्रिल के लिए आए तमाम अधिकारी और पुलिसकर्मी मौदान छोड़कर भाग गए. एसएसपी मंजिल सैनी भी वहां से चली गईं. पुलिसकर्मी मैदान के बाहर आंख मलते और खांसते नजर आये. दरअसल ये सब इसलिए हुआ कि यह पुलिस ड्रिल बिना किसी तैयारी के आयोजित की गई थी. न ही सुरक्षा इंतजाम किए गए थे और न ही मेडिकल बैकअप के.
बाद में एसएसपी मंजिल सैनी ने मीडिया को बताया कि पूरे प्रदेश में डीजीपी के आदेश पर पुलिस लाईन में अभ्यास किया गया. एक नया चिली बम आया है. हम उसका परीक्षण कर रहे थे. लेकिन हवा के रुख बदल गया और उसका धुंआ हम लोगो की तरफ आ गया. जिसकी वजह से सभी लोगों को गले में थोड़ी सी खराश हुई. बाकी सब ठीक था.
एसएसपी ने सफाई देते हुए सारी बातों पर पर्दा तो डाल दिया. लेकिन पुलिस की लापरवाही का खामियाजा आपात स्थिति में जनता को ही भुगतना पड़ता है. या फिर पुलिस वाले ही उसका शिकार बन जाते हैं.