
मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर ने पिछले दिनों अफगानिस्तान में तालिबान की कमान संभाली है. इस नए मुखिया की ताजपोशी मुल्ला मोहम्मद उमर की मौत के बाद हुई है. लेकिन मंसूर का चेहरा सामने आते ही हिंदुस्तान की सरजमीन की सुरक्षा में जुटे कई अधिकारियों को जबरदस्त झटका लगा है क्योंकि मंसूर ही वह शख्स है, जो 1991 में कंधार हाईजैक में रिहा किए आतंकी मौलाना मसूद अजहर को एयरपोर्ट से अपनी कार में बिठकार ले गया था.
रॉ के पूर्व अफसर आनंद अर्णी ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि रिहा किए गए आतंकियों में से एक मौलाना अजहर को कंधार एयरपोर्ट से अपनी कार में बैठाकर ले जाना वाला शख्स और कोई नहीं बल्कि मुल्ला अख्तर मंसूर था. 1991 में भारत के प्लेन IC-814 को आतंकी हाईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे, जिसे छुड़ाने के लिए भारत को तीन बड़े आतंकी रिहा करने पड़े थे.
आनंद अर्णी हाईजैक ऑपरेशन के दौरान उस टीम का हिस्सा थे जो आतंकियों से बातचीत के लिए कंधार गई थी. उनके मुताबिक जब आतंकियों को रिहा कर दिया गया तो मुल्ला अख्तर मंसूर अपनी लैंड क्रूजर कार में खुद मसूद अजहर को बैठाकर ले गया था. अजहर के साथ मुश्ताक अहमद जरगर और उमर सईद शेख को भी रिहा किया गया था. उस समय अफगानिस्तान में तालिबान की ही सरकार थी और मंसूर उस सरकार में सिविल एविएशन मिनिस्टर था.
'आगे बढ़कर लगाया था गले'
अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में आनंद ने बताया, 'मंसूर उस दिन कंधार एयरपोर्ट पर मौजूद था. वह आंखों पर काला चश्मा लगाए अपनी लैंड क्रूजर कार में बैठा था. जैसे ही मसूद अजहर को रिहा किया गया, मंसूर ने आगे बढ़कर अजहर को गले लगाया जैसे उनको पुरानी दोस्ती हो. इसके बाद मसूद मंसूर की कार में जाकर बैठ गया. यह साफ हो गया कि मसूद अजहर उनके लिए वीवीआईपी था.'
फिलहाल आनंद अर्णी बेंगलुरु के तक्षशिला इंस्टीटयूट से जुड़े हैं. उनका कहना है कि जरगर और उमर सईद शेख को भी उसी प्लेन से लाया गया था, लेकिन वे उस कार में नहीं गए जिसमें मसूद अजहर गया था. अजहर को कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के बहावलपुर में देखा गया था. रिहाई के बाद उसने एक नया आतंकी संगठन ‘जैश ए मोहम्मद’ बनाया था. पिछले साल उसने पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में एक बड़ी रैली भी की थी.
आनंद के मुताबिक मंसूर को पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई का काफी करीबी माना जाता है. वह मुल्ला उमर का डिप्टी था. वह क्वेटा शूरा का चीफ भी है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आता है.