
पीओके में घुसकर इंडियन आर्मी के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी संगठन लश्कर ए तैयब्बा बुरी तरह बौखलाया हुआ है. लगातार लश्कर के आतंकी कश्मीर घाटी में घुसपैठ कर हमलों के जरिए अशांति फैलाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लश्कर ने 15 आतंकियों के तीन ग्रुप को घाटी में भेजा है...जिसका एक ग्रुप पम्पोर में ईडीआई के कैंपस में घुसा. जहां सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ जारी है.
15 आतंकियों की कराई गई एंट्री
सूत्रों के मुताबिक लश्कर ने जम्मू-कश्मीर में 15 आतंकियों की एंट्री कराई है. इनमें से 3-3 आतंकियों के 5 ग्रुप बनाकर हमलों को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया है. पम्पोर में सुरक्षाबलों के साथ जिन आतंकियों की मुठभेड़ चल रही है उनमें से तीन आतंकियों का एक ग्रुप इसी में से है.
नौगाम के रास्ते हुई घुसपैठ
खुफिया सूत्रों के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इनकी घुसपैठ कराई गई है. लश्कर के ये 15 आतंकी नौगाम सेक्टर के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं. पाक आकाओं से मिले हुक्म के मुताबिक रणनीति साफ है कि छोटे ग्रुप में बंटकर बड़े हमले को अंजाम दो. घुसपैठ के बाद 15 आतंकियों ने कुल पांच गुट बनाए और तीन-तीन आतंकियों का जत्था खूनखराबे के मिशन पर चल पड़ा.
हंदवाड़ा और पंपोर में घिरे दो ग्रुप
पांच जत्थे में से तीन आतंकियों का एक गुट हंदवाड़ा में मारा गया तो दूसरा ग्रुप पंपोर में घिर गया. यानि अभी भी 9 आतंकियों का तीन जत्था जम्मू- कश्मीर में हमले की फिराक में है. 9 आत्मघाती आतंकियों के तीन ग्रुप को लेकर पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल अलर्ट पर हैं और सेना के कैंपों से लेकर हाईवे तक पर सिक्योरिटी कड़ी कर दी गई है.
सुरक्षाबल अलर्ट पर
खुफिया सूत्रों के मुताबिक ये 9 आतंकी सेना और फौज के कैंपों- पेट्रोलिंग पार्टी- से लेकर जम्मू श्रीनगर और श्रीनगर कुपवाड़ा हाईवे पर हमले की कोशिश कर सकते हैं. इन दोनों हाईवे पर सेना के अलावा सीआरपीएफ ने भी अपने मोर्चे को और सख्त बना दिया है.
स्थानीय युवकों को भी शामिल किया
सूत्रों के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक से पहले घुसपैठ कर चुके करीब 250 आतंकी भी जम्मू-कश्मीर में हमले की ताक में हैं. जैश, लश्कर और हिजुबल के इन आतंकियों में स्थानीय नौजवानों ने भी बंदूकें थाम रखी हैं. जिनकी तादाद भी करीब सौ से ज्यादा है. जाहिर है जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज होगा.