
दिल्ली पुलिस भले ही 'सदैव आपके साथ' रहने का दावा करती हो. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में आपराधिक घटनाओं और आम जन की सुरक्षा को लेकर पुलिस और सरकार कितनी तत्पर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहरभर में लगे 75 फीसदी सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं. यानी ये कैमरे महज शोपीस के तौर पर खंभों पर टंगे हुए हैं, जबकि सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली हमेशा अतिसंवेदनशील शहर रहा है.
खुद दिल्ली पुलिस ने इस बात को स्वीकार किया है कि राजधानी में लगे सीसीटीवी कैमरों में हर चार में से तीन काम नहीं कर रहे हैं. शहर में पुलिस ने आतंकी वारदातों और दूसरी आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर निगरानी के लिए 4000 क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगवाए हैं. हाल ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों संग एक बैठक की है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है.
...इसलिए काम नहीं कर रहे हैं कैमरे
बताया जाता है कि बैठक में दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (ऑपरेशन) ने जानकारी दी कि शहर में लगे 50 फीसदी सीसीटीवी कैमरे इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) के साथ विवादों के कारण काम नहीं कर रहे हैं. यह केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसके द्वारा कैमरे मुहैया करवाए गए थे. बाकी 25 फीसदी कैमरों ने किसी न किसी संस्था द्वारा काम के कारण सड़क खोदने के कारण काम करना बंद कर दिया है.
5 दिन के अंदर उपाय ढूंढ़ने के निर्देश
बैठक में शामिल एक उच्च पदस्थ स्रोत ने बताया कि पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कैमरों के संचालन को लेकर जल्द से जल्द कोई उपाय तलाशा जाए. इसके साथ ही उन्होंने ECIL के साथ लंबित मुद्दों को भी जल्द से जल्द प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की बात कही है. वर्मा ने स्पेशल कमिश्नर (ऑपरेशन) और स्पेशल कमिश्नर (सामान्या प्रशासन) को 5 दिन के अंदर कैमरों के काम नहीं करने के कारण और इसका उपाय निकालने का जिम्मा सौंपा है.
गौरतलब है कि राजधानी में सीमावर्ती क्षेत्रों यानी उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा के निकट भी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि अपराधियों की गतिविधि पर नजर रखी जा सके.