
महाराष्ट्र के भीतर हो रहे महानगरपालिका चुनाव के पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडनवीस से 'आज तक' ने खास बातचीत की. महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना और बीजेपी के बीच जारी घमासान और राज्य में गठबंधन की सरकार को लेकर सवाल किए. जानें वे क्या-क्या बोले.
महानगरपालिका में घोटाले के लिए शिवसेना जिम्मेदार
फडनवीस महानगर पालिका के भीतर जारी घोटाले पर कहते हैं कि महानगर पालिका में शासन करने की वजह से भ्रष्टाचार व घोटाले की जिम्मेदारी शिवसेना पर आएगी. वे मुंबई महानगर पालिका को अपारदर्शी करार देने के साथ-साथ दोषियों पर कार्रवाई की भी बात कहते हैं. वे कहते हैं कि नाले की सफाई के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च हुए लेकिन सफाई नहीं हुई. वे कहते हैं कि सड़कों पर गड्ढे के सवाल पर उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं.
उद्धव ठाकरे की संपत्ति घोषणा पर उठाए सवाल
देवेंद्र फडनवीस कहते हैं कि किरीट सोमैया ने ठाकरे परिवार पर कोई आरोप नहीं लगाए. हालांकि वे सोमैया द्वारा दिखाए गए कागजों में मनी लॉन्ड्रिंग की बात पर कहते हैं कि अब जब कि किरीट सोमैया अपनी संपत्ति घोषित कर चुके हैं तो उद्धव ठाकरे को भी अपनी संपत्ति घोषित कर देनी चाहिए. वे पद की महत्ता के साथ-साथ पारदर्शिता की भी बात कहते हैं.
नगरपालिका में पूर्ण बहुमत की बात कही
देवेंद्र फडनवीस बीएमसी चुनाव पर कहते हैं कि वे पूर्ण बहुमत लाएंगे और बीजेपी के मेयर बनाएंगे. वे चुनाव में पारदर्शिता को अपना एजेंडा बताते हैं और शिवसेना के लिए अपने दरवाजे खुले रखने की बात कहते हैं.
पूरे पांच साल चलेगी सरकार
राज्य में चल रही सरकार के सवाल पर वे कहते हैं कि उनकी सरकार पूरे पांच साल चलेगी. वे साल 2014 में कुछ सीटें कम होने की वजह से शिवसेना के समर्थन की बात कहते हैं. वे कहते हैं कि महानगरपालिका के चुनाव में राम मंदिर और डिमोनिटाइजेशन जैसे मुद्दों की कोई जगह नहीं है. वे इन मुद्दों को लोगों का ध्यान भटकाने के लिए की जा रही कवर फायरिंग कहते हैं.
शिवसेना पर लगाए गंभीर आरोप
देवेंद्र फडनवीस कहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार को वे हेड कर रहे हैं. शिवसेना द्वारा भ्रष्टाचार और कैबिनेट के भीतर प्रत्रकार बिठाए जाने के सवाल पर वे कहते हैं कि उनकी मंशा साफ है. वे कहते हैं कि भाजपा ने सिर्फ 7 फीसदी बाहरियों को टिकट दिया है और शेष 93 फीसद पार्टी के कार्यकर्ता हैं. वे एडीआर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए शिवसेना पर सबसे अधिक गुंडो को टिकट देने की बात कहते हैं.