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EXCLUSIVE: मोदी के बयान से तिलमिलाई PAK सेना, बलूचिस्तानियों के ख‍िलाफ कार्रवाई तेज की

बलूचिस्तान के लगभग सभी इलाकों- कच्ची बोलान, क्वेटा, डेरा बुगती, मस्तंग, अवारान समेत लगभग सभी बलूचिस्तानी जिलों के घरो से पाकिस्तानी फौज बड़े पैमाने पर पुरुष सदस्यों को उठा रही है. यही नहीं, इसके बाद हर दिन 4-5 शव बरामद हो रहे हैं.

गांवों से अगवा किए जा रहे पुरुष गांवों से अगवा किए जा रहे पुरुष
अनिल कुमार
  • नई दिल्ली ,
  • 29 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

लाल किले के प्राचीर से 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिलगित-बालटिस्तान और बलूचिस्तान में होने वाले नरसंहार का मुद्दा उठाया. केंद्र की एनडीए सरकार इसके बाद कई मौकों पर पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर अपने तेवर से पाकिस्तान को अवगत करा चुकी है, वहीं लगता है हिंदुस्तान के रवैये से पाकिस्तान भी बौखला गया है. यही कारण है कि पाकिस्तानी फौज ने बलूचिस्तान में अत्याचारों का ऑपरेशन तेज कर दिया है.

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सेना पर पानी को जहरीला करने का आरोप
बलूचिस्तान के एक्टिविस्ट की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी आर्मी बलूच फ्रीडम फाइटर्स और नागरिकों के साथ जोर-जबरदस्ती और मारने की रणनीति अपना रही है. एक्टिविस्टों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना वाटर सप्लाई में कुछ केमिकल्स डालकर पानी को जहरीला बना रही है और इन लोगों को सजा दे रही है.

बलूचिस्तान के लगभग सभी इलाकों- कच्ची बोलान, क्वेटा, डेरा बुगती, मस्तंग, अवारान समेत लगभग सभी बलूचिस्तानी जिलों के घरो से पाकिस्तानी फौज बड़े पैमाने पर पुरुष सदस्यों को उठा रही है. यही नहीं, इसके बाद हर दिन 4-5 शव बरामद हो रहे हैं. बलूच कार्यकर्ता और दोमकी ट्राइब के मुखिया सरदार मीर बखित्यार खान दोमकी कहते हैं, 'पीएम मोदी के बलूचिस्तान के आवाम के हक में दिए बयान के बाद में अबतक बलूचिस्तान के सिर्फ एक जिले डेरा बुगती में 50 सिविलयन बलूचों को मार दिया गया हैं. 150 बलूचों को किडनैप कर लिया गया है, जिनकी सलामती को लेकर कोई खबर नहीं है.'

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मारकर निकाल लेते हैं आंखें
बलूचिस्तान में एक बार फिर से रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल का मामला भी आ रहा है. बलूच कार्यकर्ता बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के लालकिले के भाषण से पाकिस्तानी फौज में खलबली मच गई है. फौज अपना गुस्सा मासूम बलूच लोगों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर शांत कर रही है. नागरिकों को पहले स्प्रे से बेहोश किया जाता है, फिर उन्हें गोली मारी जा रही है. उनकी आंखें निकाली जा रही हैं. खासकर बलूचिस्तान के बोलान इलाके में रासायनिक हथियारों से हमले हो रहे हैं.

भीख मांगकर खाने पर मजबूर लोग
बलूचिस्तान के कच्ची बोलान इलाके के गांव से ताजा हालात पर स्थानीय लोगों द्वारा भेजे गए एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट विडियो में महिलाओं का दर्द साफ झलकता है. वे बताती हैं, 'यहां 200 ब्लूचिस्तानियों का परिवार रहता है लगभग 35 घरों में. दो दिन पहले पाकिस्तानी फौज के लोग आए और सभी घरों के पुरुष और छोटे बच्चे (लगभग 40 सदस्यों) को उठाकर ले गए. महिलाओं को भी लात से मारा-पीटा गया. हमलोगों से जबरन खाना भी बनवाया गया. कई घरों में आग भी लगा दी गई.'

महिलाओं ने बताया कि फौज जाते वक्त सारा खाना-पीना, भेड़-बकरी और मवेशी भी साथ ले गए. गांवों में बच्चे बीमार हैं और सैकड़ों परविार बेघर. गांव के लोग भीख मांगकर खा रहे हैं. इस गांव में अब सिर्फ महिलाएं ही बची हैं.

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यूएन में मुद्दा उठाने की मांग
बलूच कार्यकर्ताओं ने दुनियाभर के नेताओं और लोगों से अपील की है कि पाकिस्तान के द्वारा बलूचों के ऊपर किए जा रहे जुर्म के खिलाफ आवाज उठाए. कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान में अत्याचार के मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की मांग की है. बता दें कि कुछ महीने पहले भी इस गांव की सभी महिलाओं को पाकिस्तानी फौज उठाकर ले गई थी. बाद में ब्लूचिस्तानी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद उन्हें छोरा गया था.

भारत ने जताई चिंता
इधर, दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने भी शुक्रवार को कहा कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले से बलूचिस्तान के ऊपर दिए गए बयान के बाद बलूचिस्तान में हत्याओं और हमले बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत इसको लेकर बहुत चिंतित है. बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले ही बलूच प्रदर्शनकारियों ने भारतीय झंडा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन किया था.

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