
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के फोन कनेक्शन पर एक और ठोस सबूत 'आज तक' के हाथ आया है. वडोदरा के एथिकल हैकर मनीष भांगले के जरिए 'आज तक' के हाथ दाऊद की पत्नी महजबीं शेख का टेलीफोन बिल लगा है. इसमें इस बात का साफ जिक्र है कि मंत्री के मोबाइल पर दो महीने में 7 बार दाऊद के घर के लैंडलाइन से कॉल आया था.
पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के बिल के मुताबिक, दाऊद के घर से खडसे के नाम से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच सात बार फोन कॉल किए गए थे.
'आज तक' ने शनिवार को किया था बड़ा खुलासा
इससे पहले 'आज तक' ने शनिवार को खुलासा किया था कि पाकिस्तान के कराची शहर के अपने बंगले से मोस्टवांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत में जिन नंबरों पर कॉल करता था, उसमें एक नंबर महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के नाम पर रजिस्टर्ड था.
खबर दिखाए जाने के बाद आनन-फानन में मुंबई पुलिस ने खडसे को क्लीन चिट दे दी. खडसे ने भी आरोपों को खारिज कर दिया. यहां तक कि क्लीन चिट को आधार बनाकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने भी खडसे का बचाव किया . लेकिन अब जो दस्तावेज सामने आए हैं, उससे यह साबित होता है कि दाऊद के नंबर से खडसे के नाम पर लिए गए नंबर पर 18 जनवरी 2015 से 28 मार्च 2015 तक 7 कॉल आए थे.
पीटीसील ने महजबीं शेख के नाम भेजे डिटेल्स
पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड यानी पीटीसीएल के महजबीं शेख को भेजे गए बिल की कॉपी में साफ तौर पर खडसे के नाम पर निकाले गए नंबर दर्ज हैं. महजबीं शेख कोई और नहीं बल्कि दाऊद इब्राहीम की बीवी है. जिस नंबर से खडसे के नंबर पर कॉल आया था वो महजबीं के नाम से ही है.
पीटीसीएल की तरफ से भेजे गए बिल के मुताबिक ये है कॉल डिटेल्स-
1) 18 जनवरी 2015 को शाम पांच बजकर एक मिनट 32 सेकेंड पर दाऊद के नंबर से खडसे के नंबर पर एक मिनट बारह सेकेंड लंबा कॉल किया गया था.
2) दो महीने बाद 23 मार्च 2015 को दोपहर एक बजकर छह मिनट पर फिर कॉल आया. इस बार बातचीत करीब पौने छह मिनट हुई. ये कॉल दाऊद के घर के नंबर 021 35871719 से खडसे के नाम पर रजिस्टर्ड नंबर पर किए गए. इसका खर्च आया 46 रुपये 41 पैसे.
3) उसी रोज थोड़ी देर बाद एक बजकर 29 मिनट पर फिर दाऊद के नंबर से कॉल आया. इस बार एक मिनट 32 सेकेंड बातचीत हुई.
4) चार दिन बाद 27 मार्च 2015 को रात पौने आठ बजे दाऊद के नंबर से खडसे के नंबर पर जो कॉल किया गया. उस वक्त 42 सेकेंड तक बातचीत हुई.
5) पीटीसीएल के बिल के मुताबिक अगले दिन यानी 28 मार्च 2015 को शाम सवा सात बजे दाऊद के नंबर पर फिर रिंग किया गया. इस बार चार मिनट पैंतीस सेकेंड बातचीत हुई.
6) करीब तीन घंटे बाद फिर दाऊद के नंबर से खडसे के नंबर पर घंटी बजी. बातचीत हुई एक मिनट सैंतालीस सेकेंड.
7) 28 मार्च 2015 को तीसरी बार भी खडसे के नंबर पर कॉल आया. वक्त था रात 10 बजकर 15 मिनट. इस बार सबसे लंबी यानी पांच मिनट 22 सेकेंड बातचीत हुई.
गौरतलब है कि यह जानकारी वडोदरा में रहने वाले एथिकल हैकर मनीष भांगले ने पीटीसीएल को सर्विस रिक्वेस्ट भेजकर जुटाई है. इस दस्तावेज से साफ है खड़से का बचाव पुख्ता नहीं है.
कांग्रेस विधायक को भी दाऊद के घर से आया था फोन
खुलासे में घिरे असम के पूर्व कांग्रेस विधायक राणा गोस्वामी ने भी कहा कि यह मेरे खिलाफ साजिश है. कराची में माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम की कोठी के टेलीफोन से बात करने वालों की लिस्ट में असम के कांग्रेस विधायक रहे राणा गोस्वामी का नाम भी शामिल हैं. जाहिर तौर पर राणा सफाई देने उतर पड़े हैं कि उनका दूर-दूर तक दाऊद से कोई नाता नहीं है.
असम की जोरहाट सीट से विधायक रहे हैं राणा गोस्वामी
असम की जोरहाट सीट से विधायक रह चुके राणा गोस्वामी गोगोई सरकार में संसदीय सचिव के पद पर थे. खुलासे के मुताबिक, राणा गोस्वामी के आवास के टेलीफोन नंबर पर सितंबर 2015 से अप्रैल 2016 के बीच कराची के दाऊद के टेलीफोन नंबर से कई बार बातचीत हुई.
कांग्रेस विधायक के नाम से आने से जांच के आसार
राणा चुनौती दे रहे हैं कि वो किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं. दाऊद या पाकिस्तान तो दूर उनकी कभी बांग्लादेश में भी किसी से न तो कभी बात हुई और न कोई आना-जाना हुआ है.
दाऊद के टेलीफोन से कांग्रेस एमएलए का तार जुड़ने के पहले मामले में महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार के मंत्री एकनाथ खड़से का नाम भी दाऊद की कॉल लिस्ट में आ चुका है. अब कांग्रेस विधायक भी सवालों के घेरे में हैं तो सवाल उठने लाजिमी हैं कि क्या दाऊद की हाई प्रोफाइल कॉल डिटेल की तहकीकात होगी.
दाऊद ने खुद मंगवाई थी कॉल डिटेल्स
दाऊद ने अपने घर पर लगे लैंडलाइन की डिटेल खुद ही टेलीफोन कंपनी से मांगी थी. जब कंपनी ने पूरा डिटेल भेजा तो एथिकल हैकर मनीष ने उसे हैक कर लिया. फिर पूरा सच सामने आ गया. दाऊद की उम्र का एक लंबा फासला गुजर गया. उसका चेहरा बदल गया. पता-ठिकाना बदल गया. लेकिन नहीं बदला तो उसका इंडिया कनेक्शन. दाऊद के क्लिफटन स्थित घर के लैंड लाइन नंबरों से खुलासा हुआ है कि दाऊद आज भी भारत बात करता है.
खुफिया एजेंसी ने भी मानी मनीष और जयेश की रिपोर्ट
मनीष और जयेश ने जब पीटीसीएल की वेबसाइट से हैकिंग के जरिए हासिल दस्तावेज 'आज तक' को मुहैया कराए तो पहले तो हमने देश की प्रमुख जांच एजेंसियों से पता किया कि क्या ये नंबर उनके पास हैं. और उन्होंने भी माना कि यह चार नंबर उन नंबरों में से हैं. जिनकी लिस्ट खुफिया एजेंसियों के पास है और जिन नंबरों के दाऊद के होने का पूरा शक खुफिया एजेंसियों को भी है, लेकिन सवाल यह था कि क्या पीटीसीएल की साइट से दाऊद के घर के फोन नंबरों का बिल एक्सेस करना इतना आसान है. मनीष से ये भी समझने की कोशिश की गई कि उन्होंने यह सब कैसे किया?
भारत में अपने परिवार की सुरक्षा चाहता है दाऊद
इतना तो तय है कि दाऊद भारत में रह रहे अपने परिवार वालों से नियमित संपर्क में है. इन्हीं नंबरों से खुलासा हुआ है कि दाऊद अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर खासा चिंतित है. क्योंकि दाऊद के नंबरों से जिन दस नंबरों पर लगातार फोन किया गया, उनमें चार यूएई के हैं. यूएई में भी एक नंबर जानी-मानी सुरक्षा फर्म का है. जो बड़ी-बड़ी हस्तियों को प्राइवेट सिक्योरिटी मुहैया कराती है.
अब खुफिया एजेंसी की कार्रवाई का इंतजार
दाऊद की बीवी महजबीं शेख के नाम से दर्ज चारों फोन नंबर साबित करते हैं कि दाऊद ने अपनी बीवी को मोहरा बनाया है, लेकिन अब दाऊद के फोन बिल्स की हर डिटेल न केवल उसके इंडिया कनेक्शन का खुलासा कर रही है, बल्कि उसके सियासी संबंधों की तरफ भी इशारा कर रही है. सवाल यही है कि खुफिया एजेंसियां इस खुलासे को किस तरह लेंगी.