हाफिज के समर्थन में ही लगे JNU में राष्ट्रविरोधी नारे, गृह मंत्रालय के पास पुख्ता सबूत
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने जेएनयू विवाद पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने इस मामले में लश्कर लिंक और हाफिज सईद के हाथ होने की जो बात कही थी, वो खुफिया तंत्रों से मिली जानकारी के आधार पर थी.
जेएनयू में अफजल गुरु के समर्थन में नारे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ही लगवाए थे. नारेबाजी करने वालों को लश्कर के सरगना हाफिज सईद का सपोर्ट हासिल था. गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह बात कही. उन्होंने बताया कि सरकार के पास इसके पुख्ता सबूत भी हैं.
राजनाथ के बयान का आधार खुफिया रिपोर्ट
रिजिजू ने बताया कि सरकार के पास आतंकियों और नारे लगाने वाले छात्रों के बीच लिंक के सबूत हैं. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बयान भी हाफिज सईद के ट्वीट पर आधारित नहीं था. बल्कि गृह मंत्रालय के पास इसकी खुफिया सूचना है और राजनाथ ने बयान उसी खुफिया रिपोर्ट के आधार पर दिया था.
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आजतक के सहयोगी चैनल इंडिया टुडे के साथ बातचीत में रिजिजू ने 10 सवालों के जवाब दिएः
सवालः सरकार किन आधारों पर जेएनयू के प्रदर्शन को हाफिज सईद से जोड़ रही है? जवाबः 'हम एक सिस्टम के आधार पर सरकार चलाते हैं. गृह मंत्रालय को अलग-अलग चीजों पर अक्सर खुफिया एजेंसियों से जानकारियां मिलती हैं. अगर हर जानकारी को साझा किया जाए, तो वो देशहित के लिए ठीक नहीं होगा. गृह मंत्री की बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, न कि इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठाने चाहिए.'
सवालः विपक्ष का दावा है कि ये बयान HafizSaeedJuD नाम के फर्जी ट्विटर अकाउंट के आधार पर दिया गया था, जो पैरोडी पोस्ट डालता है? जवाबः 'ये फर्जी या असली ट्विटर अकाउंट का सवाल नहीं है बल्कि ज्यादा वास्तविक तत्व का है. जेएनयू के ये छात्र अफजल गुरु को शहीद का ओहदा दे रहे थे. अफजल गुरु को किसने सपोर्ट किया? हाफिज सईद, उसके पीछे काम करने वाले लोगों और समर्थक जैसे लोग हैं.'
सवालः जेएनयू प्रदर्शन और हाफिज सईद को लिंक करने के स्पष्ट सबूत के बारे में? जवाबः 'ये साफ है. एक तरफ अफजल गुरु के समर्थक हैं और दूसरी तरफ छात्र भी उसका समर्थन कर रहे हैं. वो सभी एक जैसे विचार रखते हैं. इससे क्या दिखता है?'
सवालः कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है. क्या उनके खिलाफ सबूत हैं? जवाबः 'एक मंत्री के तौर पर मैं सबूत नहीं दे सकता. हमें पुलिस की जांच का इंतजार करना चाहिए. आप एक भाषण को आधार बनाकर बात कर रहे हैं. कन्हैया को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के पास इसके अलावा भी आधार हैं. पुलिस, कानून के आधार पर कार्रवाई करती है और कार्रवाई का उसका अपना तरीका है.'
सवालः मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 2013 में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि अफजल गुरु को फांसी पर न लटकाया जाए, तो अब बीजेपी, पीडीपी के साथ गठबंधन करने को उत्सुक क्यों है? जवाबः 'क्या पीडीपी या उसके नेताओं ने अफजल गुरु को माफ करने और भारत को टुकड़ों में बांटने के लिए नारे लगाए थे? सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले से पहले ये मामला बंद हो गया था.'
सवालः छात्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनने की बात कह रहे हैं? जवाबः अफजल गुरु का फांसी दी गई थी. ये लोग इतनी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में आए हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला दे रहे हैं. बच्चे पढ़ने के लिए गए, वहां पढ़ाई करें. ये लोग खुद ही तय करने लगते हैं कि कौन सा टीचर या डायरेक्टर चाहिए, यह ठीक है क्या?
सवालः आरोप है कि दिल्ली में कोर्ट रूम के बाहर बीजेपी सदस्यों और समर्थकों ने जेएनयू के टीचर्स और पत्रकारों की पिटाई की? जवाबः 'बीजेपी कभी भी लोगों की पिटाई के लिए किसी को नहीं भेजेगी. हम ऐसा नहीं कर सकते. किसी मौके पर दो गुटों के बीच हुई झड़प के बारे में हम तथ्य जाने बिना टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? मासूम लोगों के साथ हिंसा का कोई समर्थन नहीं करता.'
सवालः कॉलेज कैंपसों में मोदी सरकार का जमकर विरोध किया जा रहा है? जवाबः 'मोदी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है. राहुल गांधी या लेफ्ट के नेताओं की तरफ से चलाए जा रहे इस तरह के कैंपेन कभी सफल नहीं होंगे. कोई भी इस थ्योरी को नहीं मानने वाला.'
सवालः किसने जेएनयू को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के केंद्र के तौर पर पेश किया है? जवाबः किसी ने नहीं. गृह मंत्री ने साफ कहा था कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बस इतना ही.
सवालः राहुल गांधी ने कहा है कि छात्रों की आवाज दबाना राष्ट्रविरोध है? जवाबः विचारधारा के नाम पर राहुल गांधी जैसे नेता भूल गए हैं कि राष्ट्रवाद क्या होता है. ऐसे नेता देशभक्ति भूल चुके हैं. राहुल गांधी को कोई अच्छा सा पाठ पढ़ाना चाहिए.