
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि व्यापम घोटाला मामले की सीबीआई जांच के लिए कोर्ट में अर्जी देने का फैसला उनका था और बीजेपी आलाकमान ने इस बारे में कोई निर्देश नहीं दिया.
'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि मामले के 'व्हिसलब्लोअर' कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और उनके पास इसके सबूत हैं. पत्रकार राजदीप सरदेसाई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने दोहराया कि हर मौत को व्यापम से जोड़ना सही नहीं है और क्या कोई मामले के 2000 गवाहों को मार सकता है?
'नम्रता की मौत का व्यापम से संबंध नहीं'
नम्रता दामोर की मौत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस केस का व्यापम घोटाले से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने एसआईटी से हर मौत की जांच की बात कही थी. याद रहे कि व्यापम की आरोपियों में से एक एमबीबीएस नम्रता की तीन साल पहले हुई मौत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बुधवार को ही सार्वजनिक हुई है. रिपोर्ट में मौत का कारण हिंसक रूप से दम घुटना बताया गया है जिसे रिपोर्ट में 'मानव वध' के रूप में अंकित किया गया है.
व्यापम मामले पर उमा भारती के 'प्रतिकूल' बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी की वरिष्ठ नेता उनकी बहन हैं, वह जैसा अनुभव करती हैं, कहती हैं और इस बारे में वह कोई टिप्पणी करना नहीं चाहते. उन्होंने कहा, 'भाई-बहन के बीच कभी विवाद होता है क्या?'
'दिग्विजय के खिलाफ करूंगा मानहानि का केस'
दिग्विजय ने आरोप लगाया था कि जो सरकार घोटाले में लिप्त है, वही उसकी जांच कर रही है. इस पर शिवराज ने कहा कि दिग्विजय की यह बात 'बिलो द बेल्ट' है और वह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस करेंगे.
उन्होंने कहा, 'व्यापम मामले में गड़बड़ी की सूचना मिलते ही उन्होंने व्यवस्था को पारदर्शी बनाया. पीएमटी परीक्षा में कई आरोपी धरे गए. मैंने पटवारी की परीक्षा ऑनलाइन करवा दी. मेरे सारे निर्णय सही हैं. मेरे चाहने के बाद ही जांच हो रही है. मैं किसी के दबाव में आने वाला नहीं हूं.'
'हर मौत को व्यापम से न जोड़ा जाए'
शिवराज ने 'आज तक' के पत्रकार अक्षय सिंह की मौत पर भी दुख जताया. उन्होंने कहा, 'अक्षय सिंह की मौत से व्यथित हूं. हर मौत को व्यापम से लिंक करना न्यायसंगत नहीं है. पत्रकार अक्षय सिंह की मौत से संदेह का वातावरण बना. क्या कोई 2000 गवाहों को मार सकता है?'
व्यापम घोटाला केस में राज्यपाल के कथित तौर पर जुड़े होने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है. केस हाई कोर्ट के अधीन है. मेरा न्यायपालिका में पूरा विश्वास है.'
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल के कथित तौर पर जुड़े होने की वजह से उन्हें पद से हटाने की मांग करते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई के लिए शीर्ष कोर्ट तैयार हो गया है.