Advertisement

Exit Poll: क्या दिल्ली में मनोज तिवारी को CM चेहरा घोषित न करना BJP की भूल थी?

Delhi assembly election 2020 exit poll अगर मनोज तिवारी बीजेपी के सीएम कैंडिडेट होते तो उन्हें और भी पूर्वांचलियों को वोट हासिल हो सकता था और AAP को जाने वाला 55 फीसदी वोट मनोज तिवारी की ओर खिसक सकता था. क्योंकि मनोज तिवारी पूर्वांचल समुदाय के लोकप्रिय,चर्चित और प्रभाव रखने वाले नेता-अभिनेता हैं.

Delhi election exit poll results: पीएम मोदी के साथ मनोज तिवारी (फोटो- पीटीआई) Delhi election exit poll results: पीएम मोदी के साथ मनोज तिवारी (फोटो- पीटीआई)
पन्ना लाल
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

  • CM कैंडिडेट होते मनोज तिवारी तो बढ़ता पूर्वांचलियों का समर्थन?
  • मनोज तिवारी केजरीवाल के बाद CM पद की दूसरी पसंद
  • बीजेपी ने मनोज तिवारी को नहीं बनाया सीएम कैंडिडेट

मात्र 8 महीने पहले लोकसभा चुनाव में विशाल जनादेश के साथ भारत की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी दिल्ली चुनाव में कोई भी छाप छोड़ पाने में फेल दिख रही है. एग्जिट पोल के आंकड़े बीजेपी के अरमानों पर पानी फेरते दिख रहे हैं. देश के सबसे विश्वस्त एग्जिट पोल आजतक एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक दिल्ली में एक बार फिर से झाड़ू चल सकती है और केजरीवाल अपने पुराने रिकॉड को तोड़कर एक बार फिर से अजेय साबित हो सकते हैं.

Advertisement

आजतक एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक  अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP को 59-68 से सीटें मिल सकती हैं. जबकि तमाम धुआंधार प्रचार के बावजूद बीजेपी को मात्र 2 से 11 सीटें मिलती दिख रही है. कांग्रेस की हालत बेहद बुरी है और उसे एक बार फिर से दिल्ली में शून्य सीटें मिलती दिख रही है.

अध्यक्ष बने मनोज तिवारी, लेकिन सीएम कैंडिडेट नहीं

पुरबिया अध्यक्ष और पूर्वांचलियों के दम पर दिल्ली की सत्ता में वापसी का सपना देखने वाली बीजेपी को करारा झटका लगा है. पूर्वांचल समुदाय के जाने-माने चेहरे मनोज तिवारी को चार साल पहले दिल्ली की कमान देकर बीजेपी ये सोचा था कि राज्य में बिहारी और यूपी के वोटरों से रिश्ता गांठेगी और उनका वोट लेगी. बीजेपी आलाकमान ने मनोज तिवारी को 2016 में दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष तो बना दिया, लेकिन जब चुनाव का वक्त आया तो बीजेपी ने एक रणनीतिक फैसला करते हुए मनोज तिवारी को दिल्ली का सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं किया है.

Advertisement

क्या बीजेपी ने की चूक

मनोज तिवारी को सीएम कैंडिडेट घोषित न करने की चाहे जो भी वजह रही हो, लेकिन बीजेपी का फैसला दिल्ली जीतने की उसकी राजनीतिक महात्वाकांक्षा पर भारी पड़ती दिख रही है. आजतक एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के आंकड़े कुछ ऐसा ही कह रहे हैं.

पढ़ें- Delhi Election 2020 आजतक एग्जिट पोल: CAA को लोगों ने किया खारिज, विकास के मुद्दे पर पड़े 37% वोट

इन आंकड़ों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल के बाद अभी भी मनोज तिवारी अभी दिल्ली के सीएम पद के लिए दूसरे सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार हैं. आजतक एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में 54 फीसदी लोगों ने अरविंद केजरीवाल को सीएम के रूप में पहली पसंद माना. जबकि 21 फीसदी लोगों ने मनोज तिवारी को सीएम के रूप में दूसरी पसंद माना. सीएम के रेस में हर्षवर्धन तीसरी पसंद है और उन्हें 10 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि 4 फीसदी लोग अजय माकन को सीएम के रूप में चाहते हैं.

अगर CM कैंडिडेट होते मनोज तिवारी

सवाल है कि अगर मनोज तिवारी बिना सीएम कैंडिडेट बने 21 फीसदी लोगों की पसंद बन सकते हैं तो अगर बीजेपी उन्हें सीएम कैंडिडेट घोषित करती तो उनकी लोकप्रियता और बढ़ सकती थी.

Advertisement

आजतक एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में 27 फीसदी पूर्वांचलियों से सवाल पूछा गया था. जिन पूर्वांचलियों से सवाल पूछा गया था उनमें से 55 फीसदी लोगों ने AAP को वोट देने की बात कही. जबकि 36 फीसदी लोगों ने कमल पर बटन दबाने का दावा किया. कांग्रेस 4 फीसदी पूर्वांचलियों का वोट पाती दिख रही है. अगर मनोज तिवारी बीजेपी के सीएम कैंडिडेट होते तो उन्हें और भी पूर्वांचलियों को वोट हासिल हो सकता था और AAP को जाने वाला 55 फीसदी वोट मनोज तिवारी की ओर खिसक सकता था. क्योंकि पूर्वांचल समुदाय के वे लोकप्रिय चर्चित और प्रभाव रखने वाले नेता-अभिनेता हैं.

पढ़ें- Exit poll: मुस्लिमों ने AAP के लिए की एकतरफा वोटिंग, जानें क्या रहा वोटों का जातीय समीकरण

अगर मनोज तिवारी की तुलना दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय से की जाए तो वे अलग-अलग कारणों से राजनीतिक सुर्खियां बटोरते रहे. उन्होंने कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाया और पार्टी को फाइटिंग मोड में रखा, लेकिन दिल्ली में अंदरूनी गुटबाजी से बचने के लिए और पीएम मोदी के नाम पर वोट लेने के लिए बीजेपी ने उन्हें सीएम कैंडिडेट नहीं घोषित किया.

हालांकि दिल्ली का असली मिजाज और जनादेश जानने के लिए हमें 11 फरवरी का इंतजार है जब ईवीएम मशीनों से असली नतीजे सामने आएंगे. मनोज तिवारी के हौसले अभी भी बुलंद हैं. 8 फरवरी को उन्होंने एक ट्वीट कर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने का दावा किया है और लोगों से अपना ट्वीट सुरक्षित करने को कहा है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement